सांसद आदर्श ग्राम योजना क्या है, इसकी विशेषताएं जानें, सांसदों ने इन पंचायतों को लिया गोद

सांसद आदर्श ग्राम योजना क्या है, इसकी विशेषताएं जानें, सांसदों ने इन पंचायतों को लिया गोद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन से इस योजना को लागू किया था. और सभी सांसदों को इसकी गाइडलाइन जारी कर दी. प्रत्येक सांसद को 2016 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक गांव और 2019 तक दो और गांवों को विकसित करने का संकल्प लेने के लिए कहा गया था.

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सांसद आदर्श ग्राम योजना क्या है, इसकी विशेषताएं जानें, सांसदों ने इन पंचायतों को लिया गोदSansad Adarsh Gram Yojana

सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) का लक्ष्य देश भर में विकसित मॉडल ग्राम पंचायतें बनाना है. यह ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक अनूठी योजना है जिसमें पहली बार ग्राम पंचायत स्तर पर विकास के लिए संसद सदस्यों के नेतृत्व, क्षमता, प्रतिबद्धता और ऊर्जा का सीधे लाभ उठाया जा रहा है. इस योजना की शुरुआत 11 अक्टूबर 2014 को की गई थी. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने का लक्ष्य है. यह काम सांसद करेंगे. इसमें सांसद को अपने क्षेत्र के गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करना है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन से इस योजना को लागू किया था. और सभी सांसदों को इसकी गाइडलाइन जारी कर दी. प्रत्येक सांसद को 2016 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक गांव और 2019 तक दो और गांवों को विकसित करने का संकल्प लेने के लिए कहा गया था.

इतने गांवों को गोद लेने का लक्ष्य

इसमें मार्च 2019 तक कम से कम 3 गांवों को मॉडल गांवों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य था. इसके बाद पांच ऐसे मॉडल गांवों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था. 2024 तक हर साल चयनित और विकसित किया जाना चाहिए. जिसमें गांवों की बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ खेती और पशुपालन, लघु उद्योग, रोजगार आदि पर ध्यान देना है.

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सांसद आदर्श ग्राम योजना की विशेषता

सांसद आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य गांवों और वहां के लोगों में कुछ मूल्यों को स्थापित करना है ताकि गांव दूसरों के लिए मॉडल बन सकें. इन मूल्यों में गाँव के जीवन से संबंधित सभी पहलुओं में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करना शामिल है. विशेष रूप से शासन से संबंधित निर्णय लेने में, अंत्योदय का पालन करना - गाँव के "सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्यक्ति" को अच्छी उपलब्धि हासिल करने में सक्षम बनाना. लिंग समानता की पुष्टि करना, महिलाओं के लिए सम्मान सुनिश्चित करना, सामाजिक न्याय की गारंटी देना, श्रम की गरिमा और सामुदायिक सेवा और स्वैच्छिकता की भावना पैदा करना.

इसके अलावा, स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देना, प्रकृति के अनुरूप रहना. विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन सुनिश्चित करना, स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और बढ़ावा देना, आपसी सहयोग, स्व-सहायता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, ग्राम समुदाय में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना. सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी लाना, स्थानीय स्वशासन का पोषण करना, भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों में निहित मूल्यों का पालन करना भी वांछित है.

सांसद आदर्श ग्राम योजना के लाभ और विशेषताएं

  • सांसद आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य देश के गांवों में विकास लाना है.
  • इस योजना के तहत सांसदों को अपने क्षेत्र के एक गांव को गोद लेना है और उसमें विकास कार्य कराना है. जिसके तहत अन्य सांसदों में भी विकास की लहर दौड़ेगी.
  • एसजीवीवाई के माध्यम से कमजोर और गरीब लोगों को अच्छा जीवन जीने में सक्षम बनाना है.
  • लोगों को अच्छे जीवन के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक न्याय की गारंटी भी देनी होगी.
  • इस योजना के तहत लोगों की मदद, स्वावलंबन और आत्मनिर्भर बनाना है.
  • जिससे लोगों के जीवन में पारदर्शिता आयेगी.
  • ग्रामीण समुदाय में शांति और एकता को बढ़ावा मिलेगा.
  • गांव के लोगों को आजीविका के बेहतर अवसर मिलेंगे.

देश भर में इतने ग्राम पंचायतों की पहचान की गई

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम पहचाने गए ग्राम पंचायतों की संख्या
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह 8
आंध्र प्रदेश 201
अरुणाचल प्रदेश 13
असम 51
बिहार 197
चंडीगढ़ 2
छत्तीसगढ 116
दिल्ली 13
गोवा 15
हरियाणा 91
हिमाचल प्रदेश 45
जम्मू और कश्मीर 43
झारखंड 117
कर्नाटक 133
केरल 167
लद्दाख 4
लक्षद्वीप 2
मध्य प्रदेश 140
महाराष्ट्र 260
मणिपुर 30
मेघालय 24
मिजोरम 14
नगालैंड 8
ओडिशा 104
पुदुचेरी 10
पंजाब 72
राजस्थान  190
सिक्किम 15
तमिलनाडु 367
तेलंगाना 86
त्रिपुरा 14
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव का केंद्र शासित प्रदेश 8
उत्तर प्रदेश 549
उत्तराखंड 37
पश्चिम बंगाल 10
   
कुल 3390
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