पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही बारिश और ओलावृष्टि की वजह से एक तरफ जहां तापमान में काफी गिरावट आ गई है. वहीं दूसरी तरफ इसका सीधा असर फसलों पर पड़ा है. तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं, सरसों और आलू की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है और फसलों की तबाही में अन्नदाताओं के चेहरों पर शिकन ला दिया है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किसानों के हुए इस नुकसान का आंकलन करने और मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.आइए जानते हैं कि किस जिले में ओलावृष्टि और बारिश में फसलों को नुकसान पहुंचाया है.
फिरोजाबाद में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश के चलते किसान की फसलों में नुकसान हो रहा है. मौसम में अचानक जो बदलाव आया है, उससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई है और खुदे हुए आलू की छंटाई ही नहीं हो पा रही है.आलम यह है कि अभी भी आसमान में काले बादल छाए हुए हैं. मुख्य तौर पर फ़िरोज़ाबाद के छिकाऊ,पचोखरा, नगला प्रेम, नगला सिकंदर, कोटकी के अधिकांश किसानों को आलू की फसल का नुकसान हुआ है. नुकसान से परेशान किसान राम नरेश कहते हैं कि फसल सड़क पर खेतों में खुली पड़ी है. आलू की छंटाई और बीनने वाले मजदूर काम नहीं कर रहे. ऊपर से मजदूरी भी देनी पड़ रही है. वहीं जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान कहते हैं कि बारिश की वजह से सरसों की फसल को तो 8 प्रतिशत नुकसान हुआ है और नए आलू की खुदाई का काम अभी रुका हुआ है. अभी नुकसान का सही आकलन किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में लगातार 48 घंटे से रुक रुक कर हो रही बारिश से सरसों, चना, मटर, गेहूं की खेती कर रहे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं की खड़ी कुछ फसल पानी में मिल गई है. गेहूं, चना और मटर की खेती करने वाले अन्य किसानों को भी अब चिंता सताने लगी है. रविवार को भी रुक रुकर हो रही बारिश के कारण अबकरपुर तहसील कस्बे के नेहरू नगर, पुरानी तहसील रोड, बढ़ापुर सहित अन्य गांव में जलभराव से ग्रामीणों को आने जाने में काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें: सिहोर में नई तकनीक से प्याज की खेती के जरिए बंपर उत्पादन हासिल कर रहे किसान, लागत में आई कमी
बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में भी पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. बेमौसम बरसात की वजह से जहां पकने को तैयार हो रही गेहूं की फसलें खेतों में बिछ गईं. तो वहीं खेतों में पक कर तैयार हो चुकी मटर और मसूर की फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. खेतों में कटकर पड़ी हुई मटर और मसूर की फसलों में पानी भर गया है. फिलहाल जिला प्रशासन ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का आंकलन कराने के लिए टीमें गठित कर दी हैं जो एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट सौपेंगी.
मौसम में अचानक आए बदलाव से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. शाहजहांपुर में तेज आंधी के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. आलम यह है कि गेहूं और सरसों की फसल जमीन पर बिछ गई. भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है. दरअसल शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा नुकसान तिलहर और जलालाबाद तहसील में हुआ है. इस इलाके में रविवार की सुबह तेज आंधी और बारिश शुरू हुई थी. लेकिन उसके बाद भारी ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.
किसानों का कहना है कि लगभग आधे घंटे तक भारी ओलावृष्टि हुई जिससे फसल जमीन पर गिर गई. किसानों का कहना है कि अब इस फसल में दाना नहीं आएगा जिससे किसान को भारी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि इस नुकसान से बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल होगा. वहीं किसान सूरज पाल का कहना है कि 4 से 7 मिनट ओला गिरा है जो जमीन में 4 से 6 अंगुल जमीन में बिछ गया. इसकी वजह से सरसों और गेहूं की फसल को बहुत क्षति हुई है. फसलों के नुकसान की बात करें तो एडीएम वित्त और राजस्व डॉ सुरेश कुमार ने फोन पर बताया कि सर्वे कराया जा रहा है. अगर मानक के अनुरूप किसान का 35 परसेंट से अधिक नुकसान हुआ होगा तो उसको सरकार से मुआवजा दिलवाया जाएगा. सर्वे के लिए तहसीलों में टीमें गठित कर दी गई हैं. रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से मुआवजे की घोषणा होगी.
बीते दो दिनों से खराब हुए मौसम का असर बहराइच जिले बड़े पैमाने पर देखने को मिला है. जिले भर में रविवार सुबह से शुरू हुई बारिश के बाद जिले के दो विकासखंडों रिसिया और तेजवापुर इलाके में हुई भारी ओलावृष्टि ने किसानों की गेहूं, आलू, सरसों, धनिया की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. इसके बाद किसानों में बड़ी मायूसी देखने को मिल रही है. गौरतलब है कि जिले में लगभग 8 लाख किसान हैं जिन्होंने लगभग 1,87790 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की है. वहीं 11837 हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है जबकि 1,02303 किसानों ने ही अपनी फसल का बीमा करवाया है. ऐसे में बेमौसम बारिश और बड़े पैमाने पर हुई ओलावृष्टि से किसानों के चेहरों की रौनक पूरी तरह गायब हो चुकी है.
बिजनौर में 3 दिन से लगातार जमकर हुई बारिश से गेहूं और सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. खेत में पानी भर जाने के कारण गेहूं और सरसों की फसलें गिर गई हैं. सान भूपेंद्र सिंह और श्याम सिंह का कहना है कि यह बारिश बिन मौसम हुई है जिसने हमें नुकसान पहुंचा है. स बारिश से गेहूं की बाली को नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि अब गेहूं का दाना छोटा रह जाएगा र मानक के अनुसार फसल नहीं पैदा हो पाएगी. इसकी वजह से उनका काफी नुकसान होगा.
पिछले तीन दिनों से मौसम में आए विभिन्न बदलावों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. रिश के चलते यहां मिट्टी में नमी बढ़ गई है, वहीं ओलावृष्टि से सरसों, गेहूं और आम को नुकसान पहुंचा है. सबसे अधिक नुकसान सरसों की फसल में दिखाई दे रहा है. किसानों ने सरकार से नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है. टिटौली निवासी किसान प्रवेश कुमार ने बताया कि शनिवार-रविवार की रात भी भीषण ओलावृष्टि होने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. सरसों की फसल पक रही थी, लेकिन अब वह करीब 30 से 40 प्रतिशत तक खराब हो गई है. वहीं गेहूं की फ़सल को भी काफ़ी नुकसान हुआ है. किसान ने बताया कि ओलावृष्टि से गन्नों की फसलें भी गिर गई हैं. लिलौन निवासी किसान राजबीर ने बताया कि पिछले करीब तीन दिनों से बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं के अलावा आम की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा में बेमौसम बरसात ने किसानों को परेशान कर दिया है. मार्च महीने में इस बरसात के होने से सरसों की फसल और गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है और किसानों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से उसकी मेहनत बर्बाद होती दिखाई दे रही है. सरसों की फसल पककर कटने के लिए तैयार है. तो वहीं गेहूं की फसल भी पकने से पहले ही वह खेतों में बिछ गई है जिससे खेत में ही गेहूं की पैदावार नष्ट होने से किसान की चिंता बढ़ गई है. बरसात के बीच में ही ओले गिरने से फसल टूट गई है और जहां आलू की भी खुदाई चल रही है, वह खेत भी गीले होने की वजह से आलू सड़ने की भी संभावना है.
ये भी पढ़ें: गेहूं की ऐसी किस्म नहीं देखी होगी, एक एकड़ में 5 किलो बीज से 40 क्विंटल मिलती है पैदावार
जनपद में एक हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में ओलावृष्टि होने से सरसों, गेहूं और आलू के खेतों में नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. सैफई तहसील, ताखा तहसील, सदर तहसील और भरथना तहसील के क्षेत्र में 50 से अधिक गांव में ओलावृष्टि हुई है. इस कारण किसान परेशान हो रहा है. कृषि उपनिदेशक ने फसल बीमा कंपनी को जल्दी ही सर्वे करके किसान के नुकसान की भरपाई के लिए भी निर्देशित किया है जिससे किसानों के हुए नुकसान का सही पता लगाया जा सके. कृषि विभाग के अनुसार गेहूं में 30 परसेंट और सरसों की फसल में लगभग 25 प्रतिशत से अधिक का नुकसान होता दिख रहा है, जिससे पैदावार में बड़ा नुकसान होगा.
एटा जिले में बेमौसम हुई बारिश से किसानों को गेहूं और आलू की फसलों में नुकसान हुआ है. गेहूं की फसल में बारिश के कारण दस प्रतिशत तो आलू की फसल में पंद्रह प्रतिशत नुकसान हुआ है. एसडीएम सदर भावना बिमल ने बताया कि किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है.नुकसान का आंकलन होते ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.
फतेहपुर जिले में बेमौसम हुई बारिश के साथ तेज हवाओं के कारण सरसों, चना, गेहूं, लाही और अरहर की फसलों का नुकसान हुआ है. बर्बाद हुई फसलों के आंकड़ों की बात करें तो तीस प्रतिशत लाही, सरसों और गेहूं की फसल में तक़रीबन 20 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. फसल के नुकसान से किसानों के सपने टूट रहे हैं और चिंता अब यह है कि फसल नहीं बची तो परिवार कैसे चलेगा. बेमौसम हुई बारिश का प्रभाव किसी एक क्षेत्र में नहीं पूरे जिले में है. उपनिदेशक कृषि राम मिलन परिहार का कहना है कि फसल बीमा कंपनी के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि हर पंचायतवार सर्वे कर फसल के नुकसान का आंकलन तैयार करें और उसी आधार पर किसानों को बीमा का मुआवजा दिया जाएगा. सर्वे का काम जारी है और जल्द ही नुकसान की स्थिति निकलकर सामने आ जाएगी.
ये भी पढ़ें: UP Weather: लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में पड़े ओले, आज हल्की बारिश के आसार, जानिए कब साफ होगा मौसम!
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ओलावृष्टि और बारिश से हुए फसलों के नुकसान के सर्वे के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए चंदौली के डीएम निखिल टी. फुंडे ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया था, उनके फसलों का नुकसान का आंकलन बीमा कंपनियां कर रही हैं. इसके साथ ही शासन के निर्देशानुसार जिला स्तर पर भी किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दे दिए गए हैं और सर्वे होने के बाद जल्द से जल्द किसानों के नुकसान की भरपाई प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
(इनपुट : फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा, इटावा से अमित तिवारी, कानपुर देहात से सूरज सिंह, बिजनौर से संजीव शर्मा, शामली से शरद मलिक, बहराइच से रामबरन चौधरी, ललितपुर से मनीष शर्मा और शाहजहांपुर से विनय पांडेय, एटा से देवेश पाल सिंह, फतेहपुर से नितेश श्रीवास्तव)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today