फसल को पाला से बचाने के लिए समय-समय पर सिंचाई करना जरूरी हो जाता है ताकि फसल को ठंड के प्रकोप से बचाया जा सके. ऐसे में सिंचाई व्यवस्था का होना किसानों के लिए बहुत जरूरी है. किसानों को सिंचाई करने में कोई समस्या ना हो इसलिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजना का संचालन किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चला रही है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा साल 2015 में की गयी थी. जिसके तहत किसानों को सिंचाई सुविधा दी जाती है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत फसल की सिंचाई के लिए ड्रिप प्लांट लगाने पर सरकार 70% सब्सिडी की राशि बागवानी किसानों को देती है. इसके अलावा 50% सब्सिडी की राशि सीमांत किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही है. वहीं फाउंटेन प्लांट की खरीद पर लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 प्रतिशत और अन्य कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. यह ऑनलाइन आवेदन राज किसान साथी पोर्टल पर ई मित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है.
आवेदन पत्र भरने के लिए किसानों के पास जमाबंदी, ट्रेस माप, प्लांट कोटेशन, सॉइल वॉटर टेस्ट रिपोर्ट, बिजली का बिल, आधार कार्ड आदि होना जरूरी है. तभी जाकर वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जा रहा है.
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फसल को उचित मात्रा में अगर पानी ना मिले तो उससे फसल खराब हो जाती है. इतना ही नहीं फसल की उत्पादकता पर भी असर पड़ता है. जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. जिसके चलते किसानों को नुकसान ना हो सरकार कृषि सिंचाई योजना को चला रही है. इस योजना का उद्देश्य देश के हर खेत तक पानी पहुंचाना है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर अधिक जोर दिया जा रहा है, ताकि बाद में और पानी के अभाव के चलते होने वाले नुकसान को रोका जा सके. जिसके चलते उपलब्ध संसाधनों का कुशलता से उपयोग होगा और साथ ही किसानों को अधिक उपज प्राप्त होगी.
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