महाराष्ट्र में सबसे अध‍िक खेतों को नहीं म‍िल पाता सिंचाई का पानी, दूसरे नंबर पर राजस्थान

महाराष्ट्र में सबसे अध‍िक खेतों को नहीं म‍िल पाता सिंचाई का पानी, दूसरे नंबर पर राजस्थान

असिंचित क्षेत्र में पहले स्थान पर महाराष्ट्र है तो दूसरे पर राजस्थान. महाराष्ट्र में असिंचित क्षेत्र 13670 हजार हेक्टेयर है जबकि सिंचित क्षेत्र महज 3145 हजार हेक्टेयर है. इसका अर्थ हुआ कि महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसमें खेतों को सिंचाई का पानी नहीं मिलता जबकि यह रकबा खेती के लिए उपयुक्त है.

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महाराष्ट्र में सबसे अध‍िक खेतों को नहीं म‍िल पाता सिंचाई का पानी, दूसरे नंबर पर राजस्थानदेश में सिंचित और असिंचित कृषि लायक क्षेत्र का ब्योरा (फोटो-Unsplash)

सरकार ने संसद में बताया कि देश के सिंचित कृषि वाले और असिंचित कृषि वाले क्षेत्र का रकबा कितना है. सरकार ने यह भी बताया कि पूरे देश में राज्यवार बुआई का क्षेत्र कितना है. दरअसल, राज्यसभा में इस बाबत प्रश्न पूछा गया था कि देश में सिंचित और असिंचित कृषि योग्य भूमि का राज्यावर ब्योरा क्या है. इस प्रश्न का जवाब कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया. लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने बताया कि पूरे देश में सिंचित कृषि योग्य क्षेत्र 71554 हजार हेक्टेयर है जबकि असिंचित कृषि लायक क्षेत्र 67797 हजार हेक्टेयर है. सबसे अधिक असिंचित क्षेत्र महाराष्ट्र में है.

केंद्रीय कृषि मंत्री की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, महाराष्ट्र में असिंचित क्षेत्र 13670 हजार हेक्टेयर है जबकि सिंचित क्षेत्र महज 3145 हजार हेक्टेयर है. इसका अर्थ हुआ कि महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसमें खेतों को सिंचाई का पानी नहीं मिलता जबकि यह रकबा खेती के लिए उपयुक्त है. इसके बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान आता है जहां असिंचित क्षेत्र का रकबा 9495 हजार हेक्टेयर है और सिंचित क्षेत्र 8283 हजार हेक्टेयर है. सरकार के मुताबिक, राजस्थान में 17778 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई. ध्यान रहे कि यह आंकड़ा 2018-19 का है और सबसे ताजा है.

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असिंचिंत क्षेत्र में महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद कर्नाटक का नाम आता है. कर्नाटक में असिंचित क्षेत्र का रकबा 6633 हजार हेक्टेयर है जबकि सिंचित रकबा 4032 हजार हेक्टेयर है. कर्नाटक में 2018-19 में 10664 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई. इसके बाद गुजरात का नाम आता है जहां असिंचित क्षेत्र 6069 हजार हेक्टेयर है और सिंचित क्षेत्र 4233 हेक्टेयर है. यहां 10302 हजार हेक्टेयर में बुआई की गई. मध्य प्रदेश में असिंचित क्षेत्र 3856 हजार हेक्टेयर और सिंचित क्षेत्र 11349 हजार हेक्टेयर है. यहां 15205 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई. आंध्र प्रदेश में असिंचित क्षेत्र 3253 हजार हेक्टेयर है जबकि सिंचित क्षेत्र 2796 हजार हेक्टेयर है. यहां 6049 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का काम पूरा हुआ.

यूपी के लिए खास प्रोजेक्ट

सरकार से एक सवाल यह भी पूछा गया कि क्या सरकार की फरोजाबाद, आगरा, एटा, कासगंज और मैनपुरी जिला सहित उत्तर प्रदेश में सिंचित और असिचिंत कृषि योय भूमि को बढ़ाने की कोई योजना है? इसके बारे में कृषि मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि आगरा में 657 खेत तालाब, 30 कुएं, 1040 चेक डैम और 641 सामुदायिक तालाब का काम पूरा किया गया है. इसके बाद एटा में 2091 खेत तालाब, 268 कुएं, 307 चेक डैम और 624 सामुदायिक तालाब का काम पूरा किया गया.

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संसद में कृषि मंत्री ने बताया कि फिरोजाबाद में 2504 खेत तालाब, 971 कुएं, 397 चेक डैम और 590 सामुदायिक तालाब बनाए गए. काशगंज में 3505 खेत तालाब, 931 कुएं, 338 चेक डैम और 191 सामुदायिक तालाब बनाए गए हैं. अंत में मैनपुरी का नाम है जहां 1249 खेत तालाब, 1034 कुएं, 262 चेक डैम और 603 सामुदायिक तालाब बनाए गए हैं.

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