सरकार ने एक आंकड़ा जारी कर बताया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ किस प्रदेश के किसानों को कितना मिला है. पीएमएफबीवाई के तहत साल 2018 से 2020 तक रिपोर्ट किए गए दावों, भुगतान किए गए दावों और लंबित पड़े क्लेम का विवरण जारी किया गया है. अगर 2020 का रिकॉर्ड देखें तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 7780.48 करोड़ रुपये के दावे रिपोर्ट किए गए जिनमें कुल 7780.48 करोड़ रुपये के दावों का निपटान कर दिया गया. इस तरह मध्य प्रदेश में फसल बीमा योजना के तहत एक रुपेय का भी बकाया बीमा कंपनियों के पास नहीं है. जिन किसानों ने फसल नुकसान का क्लेम किया, उन किसानों को पूरा-पूरा पैसा जारी कर दिया गया है.
संसद में दिए गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने फसल बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि दो साल पहले तक देश के कितने छोटे, सीमांत और बड़े किसान इस योजना से जुड़े हैं. संसद में दिया गया जवाब 2018 लेकर 2020 तक का आंकड़ा प्रस्तुत करता है.
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कृषि मंत्री के मुताबिक, पीएमएफबीवाई के तहत गैर-ऋणी किसान का कवरेज साल 2015-16 में पूर्व की फसल बीमा योजना के तहत 5.7% से बढ़कर 2020-21 के दौरान 36.1% हो गया है. राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पीएमएफबीवाई के तहत खरीफ 2020 सीजन के दौरान 16.54% छोटे और 67.64% सीमांत किसानों के आवेदन दर्ज किए गए हैं. इसी तरह, रबी 2020-21 सीजन में यह प्रतिशत क्रमशः 17.38 और 64.54 परसेंट है. जो इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसान का ओवरऑल कवरेज लगभग 85% है. इसका अर्थ ये हुआ कि दो साल पहले 2020 में देश के 85 परसेंट छोटे और सीमांत किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े.
आइए यह भी जान लेते हैं कि 2020 में किस राज्य के कितने किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे का दावा किया और उन्हें कितनी राशि जारी की गई. केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, आंध्र प्रदेश ने 2020 में इस योजना को लागू नहीं किया, इसलिए रिपोर्ट किए गए दावे और भुगतान की राशि का कोई विवरण नहीं दिया गया है. जिन राज्यों में यह योजना नहीं चल रही है उनमें गुजरात के अलावा जम्मू-कश्मीर, झारखंड, तेलंगाना और बंगाल के नाम हैं. झारखंड हालांकि 2019 तक इस योजना से जुड़ा हुआ था, लेकिन 2020 के बाद वह बाहर हो गया.
फसल बीमा योजना के तहत सबसे अधिक भुगतान का दावा करने वाले और इसे प्राप्त करने वाले राज्यों की बात करें तो इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं. साल 2020 में मध्य प्रदेश में 7780.48 करोड़ रुपये के दावे रिपोर्ट किए गए जिनमें से फसल बीमा के तहत पूरी राशि किसानों को जारी कर दी गई. मध्य प्रदेश में इस मद में एक रुपया भी किसानों का बकाया नहीं है.
इसके बाद राजस्थान का नाम आता है जहां साल 2020 में 4321.39 करोड़ रुपये के दावे रिपोर्ट किए गए जिनमें से बीमा कंपनियों ने 4311.87 करोड़ रुपये के दावे का भुगतान कर दिया है. इस तरह राजस्थान में 2020 के 9.51 करोड़ रुपये का क्लेम अभी पेंडिंग चल रहा है. इसके बाद तमिलनाडु का नाम आता है जहां 2020 में 2602.97 करोड़ रुपये के दावे को रिपोर्ट किया गया जिनमें से 2595.63 करोड़ रुपये के दावे का भुगतान कर दिया है. यहां 7.35 करोड़ रुपये के क्लेम पेंडिंग हैं.
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कुछ अन्य राज्यों की बात करें तो छ्त्तीसगढ़ में 883.99 करोड़ का भुगतान किया गया है और 6.39 करोड़ लंबित है. गोवा में 2020 में कोई क्लेम नहीं किया गया और न ही 2020 में कोई क्लेम लंबित है. हरियाणा में 1279 करोड़ रुपये का क्लेम किया गया जिनमें से 1156 करोड़ जारी किया गया है और 122 करोड़ रुपये पेंडिंग है. कर्नाटक में 1022 करोड़ का दावा किया गया जिसमें 1018 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं.
महाराष्ट्र में 2020 में 1406 करोड़ रुपये के दावे किए गए जिनमें 1145 करोड़ का भुगतान हो चुका है. ओडिशा से 572 करोड़ रुपये के दावे सामने आए जिनमें 571 करोड़ का पेमेंट हो चुका है. उत्तर प्रदेश से 2020 में 509 करोड़ रुपये का क्लेम किया गया जिसमें 506 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं. उत्तराखंड से 135 करोड़ रुपये का क्लेम किया गया जिसमें 134 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.
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