किसानों की आय डबल करने में आगे हैं ये दो राज्य, पिछले 7 साल में इतनी बढ़ी कमाई

किसानों की आय डबल करने में आगे हैं ये दो राज्य, पिछले 7 साल में इतनी बढ़ी कमाई

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद कहते हैं कि जून 2023 तक किसानों की आय में 70 फीसद तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. हालांकि आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों की आय दोगुनी तक जा सकती है. इसी तरह तेलंगाना और मिजोरम जैसे राज्य भी हैं जो डबल इनकम से कुछ ही पीछे रहेंगे.

Advertisement
किसानों की आय डबल करने में आगे हैं ये दो राज्य, पिछले 7 साल में इतनी बढ़ी कमाईजून 2023 तक मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश के किसानों की आय डबल हो सकती है

केंद्र सरकार ने किसानों की आय डबल करने की योजना बनाई है. किसानों के लिए इस मद में कई तरह की स्कीम चलाई जा रही है. इस बारे में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद बताते हैं कि अभी आय डबल होने की क्या स्थिति है और किसानों को इससे क्या मिला है. उन्होंने यह भी बताया कि आगे क्या होने वाला है. रमेश चंद कहते हैं, पिछले सात साल का हिसाब देखें तो जून 2023 तक किसानों की आय 70 परसेंट तक बढ़ सकती है जो कि डबल इनकम के लक्ष्य से पीछे है. हालांकि आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.

नीति आयोग के मेंबर रमेश चंद 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' से कहते हैं, राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो अभी तक अगर किसानों की डबल इनकम का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा रहा है तो इसके पीछे कृषि सुधारों को नहीं लागू करना मुख्य वजह है. इन सुधारों में मॉडल एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग (रेगुलेशन) एक्ट, लाइवस्टॉक मार्केटिंग एक्ट और लैंड लीजिंग एक्ट जैसे कानून शामिल हैं. पूर्व में हमने देखा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों तक किसानों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा जिससे सरकार को इसे वापस लेना पड़ा. इन सुधारों को लागू नहीं किया जा सका.

ये भी पढ़ें: यूपी में 25 लाख टन धान खरीद का काम पूरा, किसानों के खाते में आए 4000 करोड़ रुपये

रमेश चंद बताते हैं कि अगर ऊपर बताए गए सुधारों को सरकार ने लागू कर दिया होता तो आज किसानों की जो आय दिख रही है, उसमें लगभग 21 परसेंट की और भी बढ़ोतरी हुई रहती. 

अगले साल अगस्त-सितंबर तक ही पता चल पाएगा कि वाकई किसानों की आय में पिछले सात साल (जब से यह योजना लाई गई) में कितनी वृद्धि हुई है. किसानों की आय की गणना 2015-16 के आधार पर की जा रही है और इसकी मियाद 2022-23 तक रखी गई जिस दौरान किसानों की आय दोगुनी करनी है. रमेश चंद कहते हैं, इस 7 साल की अवधि में कुछ राज्य डबल इनकम का लक्ष्य या तो हासिल कर लेंगे या उसके आसपास होंगे. 

मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जहां किसानों की आय डबल करने में सफलता हासिल कर सकते हैं, तो दूसरी ओर तेलंगाना, त्रिपुरा और मिजोरम अपने लक्ष्य के लगभग करीब रहेंगे. बढ़ी हुई महंगाई के कारण 2022-23 में किसानों को उनकी उपज की प्राप्ति बेहतर होने की संभावना है. महंगाई बढ़ने से किसानों की उपज भी महंगे रेट पर बिकती है जिसका फायदा बाजार के साथ-साथ किसानों को होता है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए डबलिंग फार्मर इनकम यानी कि DFI नाम से एक रोडमैप बनाया है. इस रोडमैप के मुताबिक, एक औसत किसान की कृषि-आधारित आय 2015-16 के 58,246 रुपये से दोगुनी होकर जून 2023 को समाप्त होने वाले कृषि वर्ष 2022-23 तक 1,16,165 रुपये होनी चाहिए. लेकिन पिछले सात साल का हिसाब बताता है कि किसानों की आय में 2023 तक 70 फीसद का इजाफा हो सकता है. इसी तरह 2022-23 तक किसानों की कृषि और गैर-कृषि आय को 172,694 रुपये निर्धारित किया गया है.

ये भी पढ़ें: मौसम की मार और खाद संकट से परेशान हरियाणा के किसान, गेहूं की फसल खराब

मध्य प्रदेश के किसानों की आय 2015-16 में 89,434 रुपये निर्धारित थी जो 2022-23 में बढ़कर 2,01,813 रुपये तक पहुंच सकती है. यह कमाई पूरी तरह से कृषि आधारित कार्यों पर निर्धारित है. इसी तरह आंध्र प्रदेश के किसानों की आय 2015-16 में 54,135 रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1,05,768 रुपये हो सकती है. यहां हम किसानों की आय जून 2023 तक दोगुनी होती देख रहे हैं. 

किसानों की आय डबल करने के लिए नीति आयोग ने 7 संसाधन बताए हैं. इसमें मार्केटिंग सुधारों से लेकर कृषि सुधारों के अलग-अलग कदम शामिल हैं. मार्केटिंग सुधार में डायरेक्ट मार्केटिंग, कांट्रेक्ट फार्मिंग, ई-ट्रेडिंग, एपीएमसी कानून में खाद्य पदार्थों और सब्जियों को खास स्थान दिया जाना, प्राइवेट मंडी आदि शामिल हैं.

हालांकि अभी तक राज्य सरकारों के स्तर पर मार्केटिंग और कृषि नीतियों में कोई बड़ा सुधार होता नहीं दिखा है. किसानों की आय तभी दोगुनी होगी जब हर साल किसानों की इनकम में 10.41 फीसद की वृद्धि देखी जाए. लेकिन राज्य सरकारों ने इस दिशा में कोई बड़ा सुधार नहीं किया जिससे किसानों को फायदा हो. इसमें केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकल काम करना है, पर दोनों में कई स्तर पर मतभेद देखे जा रहे हैं.

POST A COMMENT