वर्तमान समय में किसान अगर पारंपरिक खेती को छोड़कर कुछ अलग करना चाहते हैं तो उनके लिए मखाने की खेती करना एक अच्छा विकल्प है. दरअसल भारत में कई राज्य ऐसे हैं जहां मखाने की खेती बड़े पैमाने पर होती है. बिहार मखाने की खेती में अन्य सभी राज्यों से काफी आगे है. वहीं बिहार के मिथिला क्षेत्र को मखाना उगाने के लिए जीआई टैग भी मिल चुका है. अब मखाने को देश-विदेश में सुपर फूड के तौर पर खाया जा रहा है. कोरोना काल से अब तक मखाने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इसी के तहत बिहार सरकार किसानों की इनकम बढ़ाने की लिए तरह- तरह की योजनाएं चला रही है. खास कर सरकार किसानों को बागवानी और नकदी फसल की खेती करने की सलाह दे रही हैं.
वहीं इसके लिए सरकार द्वारा मखाना विकास योजना भी चलाई जा रही है. इसके तहत मखाने की खेती करने वाले किसानों को इसके बीज के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि भी होगी और राज्य में अच्छी क्वालिटी वाले मखाने का उत्पादन भी बढ़ेगा.
मखाना विकास योजना के तहत मिलने वाले लाभ की जानकारी:@saravanakr_n @KumarSarvjeet6 @HorticultureBih @dralokghosh #BiharAgricultureDept pic.twitter.com/3Cv7bfa62J
— Agriculture Department, Govt. of Bihar (@Agribih) May 11, 2023
बिहार कृषि विभाग द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, सरकार द्वारा चलाई जा रही मखाना विकास योजना के तहत मखाने के उच्च प्रजाति के बीज का प्रत्यक्षण करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी. सरकार ने इसके लिए प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 97000 रुपये निर्धारित की है, इस निर्धारित राशि पर सरकार 75 प्रतिशत यानी 72,750 रुपये की सब्सिडी देगी. ऐसे में किसान को सिर्फ निर्धारित राशि के हिसाब से 24,250 रुपये ही खर्च करना होगा. वहीं बिहार सरकार का कहना है कि किसान सबौर मखाना-1 और सवर्ण वैदेही प्रभेद का उपयोग कर मखाने का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ा सकते हैं.
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बिहार के किसान जो इस सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं. वो इस योजना से जुड़ी जानकारी और सब्सिडी के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. साथ ही जिले के कृषि विभाग के कार्यालय जाकर संपर्क कर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठाकर किसान आय और उत्पादन को बढ़ा सकते हैं.
मखाने में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. मखाने के सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में काफी पोषक तत्व मिलते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत मखाने का उत्पादन बिहार के मधुबनी और दरभंगा जिले में होता है. इन दोनों जिलों में लगभग 120,00 टन मखाने का उत्पादन होता है. वहीं पिछले साल ही मिथिलांचल के मखाने को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिली थी. यानी इसे जीआई टैग से नवाजा गया था.
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