केंद्र सरकार किसानों को बचत के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से डाकघर के माध्यम से किसान विकास पत्र स्कीम (KVP Scheme) चलाती है. किसान यदि निवेश की गई रकम को कुछ महीने में ही दोगुना करना चाहते हैं तो उन्हें इस बचत स्कीम में निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है. दरअसल, केवीपी स्कीम में लगभग 9.5 साल यानी 115 महीने की अवधि में निवेश की गई रकम दोगुनी हो जाती है. यही वजह है कि जो लोग कम समय में निवेश की राशि को दोगुना करना चाहते हैं, वे इस स्कीम में पैसा लगाते हैं. दूसरी खास बात ये कि केवीपी स्कीम पोस्ट ऑफिस की स्कीम है, इसलिए पैसे डूबने का कोई खतरा नहीं रहता.
केंद्र सरकार की किसान विकास पत्र स्कीम (KVP Scheme) की लेटेस्ट अपडेट के अनुसार इसका टेन्योर अब 115 महीने यानी 9 वर्ष और 5 महीने है. इस स्कीम में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि 1,000 रुपये है, जबकि अधिकतम निवेश लिमिट नहीं है. यानी आप जितना चाहें, इस स्कीम में पैसा लगा सकते हैं. पैसा डबल होने का अर्थ है कि अगर आप आज एकमुश्त राशि निवेश करते हैं तो 115वें महीने के अंत में आपको दोगुनी राशि मिल सकती है. ऐसे में यह इस स्कीम किसानों को लॉन्ग टर्म के लिए बचत करने का मौका देती है.
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किसान विकास पत्र स्कीम (KVP Scheme) पर सरकार 7.5 फीसदी का सालाना ब्याज दर देती है. इस तरह से यदि आप एकमुश्त 5,000 रुपये का किसान विकास पत्र में निवेश करते हैं तो यह रकम मेच्योरिटी के समय डबल यानी 10,000 रुपये हो जाती है, जो निवेशक के खाते में ट्रांसफर हो जाती है.
किसान विकास पत्र में निवेश करना बेहद आसान है. इसके लिए डाकघर में खाता खोला जा सकता है.
केवीपी खाते में निवेश राशि जमा करने के बाद आपको संबंधति बैंक या डाकघर की ओर से केवीपी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. निवेशक इसे सुरक्षित रखें, क्योंकि मेच्योरिटी के समय आपको इसे जमा करना होगा. केवीपी सर्टिफिकेट ईमेल के जरिए भी हासिल किया जा सकता है.
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