बिहार के 2.85 लाख और किसानों को बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे. इन किसानों को जून 2025 तक कनेक्शन देने का टारगेट रखा गया है. राज्य सरकार का कहना है कि किसानों को खेती कार्यों में आसानी और सुलभता देने के उद्देश्य से कनेक्शन देने में जल्दी की जाएगी. कहा गया है कि बिहार सरकार किसानों को बिजली पर 92 फीसदी से अधिक सब्सिडी देती है, जिससे किसानों के लिए यह डीजल से 10 गुना सस्ती पड़ती है.
बिहार सरकार जून तक कृषि गतिविधियों के लिए 2.85 लाख और किसानों को बिजली कनेक्शन देगी. अधिकारियों ने बताया कि बिहार में इस साल जून तक करीब 2.85 लाख और किसानों को बिजली कनेक्शन मिलने वाले हैं. उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में 5.55 लाख किसानों को कृषि फीडर के जरिए बिजली कनेक्शन मिल चुके हैं.
राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है जून 2025 तक करीब 2.85 लाख और किसानों को कनेक्शन दिए जाएंगे. इन किसानों ने पहले ही कृषि बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य का ऊर्जा विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है ताकि शेष किसानों को जल्द से जल्द कृषि बिजली कनेक्शन मिले.
मुख्यमंत्री ने लगातार अक्षय ऊर्जा के महत्व पर जोर दिया है और इसे वास्तविक ऊर्जा बताया है. 2019 में शुरू की गई जल जीवन हरियाली योजना के हिस्से के रूप में उन्होंने सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रेरित किया है. ऊर्जा विभाग ने महंगी तापीय बिजली से लेकर अधिक टिकाऊ अक्षय ऊर्जा विकल्पों तक कृषि गतिविधियों के लिए बिजली की आपूर्ति के उपायों को लागू करना शुरू कर दिया है. इस पहल के तीसरे चरण के तहत इन फीडरों को बिजली देने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों से 1,200 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी.
पीटीआई के अनुसार सरकार ने सौर ऊर्जा आधारित कृषि फीडर शुरू करने का फैसला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध हो सके. इस बदलाव से रात के समय सिंचाई की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे किसानों पर काम का बोझ कम होगा. इस परियोजना के तीसरे चरण के लिए ट्रेंडर शुरू कर दिए गए हैं.
मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने इस पहल को राज्य की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने और सूखे जैसी स्थितियों के प्रभाव को कम करने में अहम कदम बताया. कहा गया है कि कुल 3,000 ऐसे फीडरों में से 2,500 को पहले बनाया जा चुका है. बयान में कहा गया है कि बिहार सरकार किसानों को बिजली पर 92 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी देती है, जिससे यह डीजल से 10 गुना सस्ती पड़ती है.
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