कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने लघु और सीमांत किसानों की मदद करने के लिए बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि राज्य के करीब 16 लाख किसान परिवारों को 3,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली गिरने से होने वाली जानमाल की हानि को रोकने के लिए उपाय तैयार किए हैं. उनके मुताबिक, सूखे के कारण किसानों की आजीविका के नुकसान की भरपाई के लिए उनको 3,000 रुपये की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया गया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका भुगतान किसानों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ दोनों फंडों से किया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार के फंड से भी किया जाएगा. इसके लिए करीब 460 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वहीं, अधिकारियों को इस पर काम करने के लिए निर्देशित किया गया है.
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कर्नाटक ने 240 तालुकों में से 223 को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था. उनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित के रूप में वर्गीकृत किया गया था. यह देखते हुए कि सूखा राहत के रूप में राज्य में किसानों के खातों में कुल मिलाकर लगभग 4,300 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में 20 दिन लग सकते हैं और पहले ही लगभग 32 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 3,000 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने और कानूनी लड़ाई के बाद अब तक केंद्र सरकार से लगभग 3,454 करोड़ रुपये सूखा राहत के रूप में आए हैं, जिसे सरकार ने पिछले सोमवार से ही किसानों के बैंक खातों में जमा करना शुरू कर दिया है. अब तक 32.12 लाख किसानों के खाते में पूरी राहत पहुंचा दी गई है.
उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी किस्त मिलाकर अब तक किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से 3,000 करोड़ जमा किए जा चुके हैं. यह देखते हुए कि राहत की दूसरी किस्त अभी भी लगभग 1.5 लाख किसानों के खातों में जमा नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि यह मामूली तकनीकी मुद्दों के कारण सत्यापन चरण में है. उन्होंने कहा कि एक बार यह मंजूरी हो जाने के बाद, 33 लाख से अधिक किसानों के खातों में राहत पहुंच जाएगी.
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि वर्षा आधारित और सिंचित फसलों के लिए मुआवजा वितरित किया जाएगा, जो पात्र होने के बावजूद कुछ तालुकों में सूखा राहत सूची में शामिल नहीं थे. लगभग 3 लाख पात्र किसानों को कुल मिलाकर 400-500 करोड़ की राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो गई है और जिलों के उपायुक्तों द्वारा सत्यापन के बाद 10 दिनों के भीतर यह किया जाएगा.
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