छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में राज्य सरकार ने अमृत काल के लिए अपने लक्ष्य तय किए हैं. खेती किसानी की समृद्ध परंपरा वाले इस छोटे से राज्य ने छत्तीसगढ़ को 2047 से पहले देश का Superfood Hub बनाने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए सरकार ने बाकायदा कार्ययोजना भी बना ली है. इसके लिए सीएम साय के दिशानिर्देश पर ’’अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @ 2047’’ डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों का Working Group गठित किया गया है. वर्किंग ग्रुप के अधिकारियों की बैठक 'कृषि एवं वानिकी' से जुड़े लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक लक्ष्य तय करने का भी निश्चय किया है. वर्किंग ग्रुप की ओर से कहा गया है कि छत्तीसगढ़ को देश में सुपरफूड का केन्द्र बनाने, कौशल विकास, फसल चक्र, जैविक खेती तथा तकनीकीकरण पर फाेकस किया जाएगा.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार ने विकास के विभिन्न आयाम तय करते हुए 'अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @ 2047' डॉक्यूमेंट तैयार करने के क्रम में हर क्षेत्र के लिए वर्किंग ग्रुप गठित किए हैं. इनमें कृषि एवं वानिकी क्षेत्र के लिए गठित वर्किंग ग्रुप ने अपने भावी लक्ष्य तय करते हुए छत्तीसगढ़ में फसल विविधीकरण की असीमित संभावनाओं को देखते हुए Food Processing पर जोर दिया है. इसका मकसद छत्तीसगढ़ को 2047 से पहले देश का 'सुपर फूड हब' बनाना है.
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इसमें स्पष्ट किया गया है कि छत्तीसगढ़ देश में धान का कटोरा है, इसके साथ राज्य में बागवानी और वनोपज की व्यवस्थित खेती की परंपरा कायम है. इसे बाजार श्रृंखला से जोड़ने के लिए खाद्य प्रसंस्करण पर जोर दिया जाएगा.
बैठक में राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ,सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य के. सुब्रमण्यम ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु ,मध्यम एवं दीर्घकालीन लक्ष्यों को हासिल करने की रणनीति के निर्धारण के बारे में सुझाव दिए. बैठक में विशेषज्ञों के सुझावाें के आधार पर तय किया गया कि छत्तीसगढ़ को भारत में Superfood Hub बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य को Processed Superfood का Power House बनाने की जरूरत है. इसके लिए बागवानी एवं वानिकी उत्पादों का प्रसंस्करण कर इनकी मजबूत ब्रांडिंग की जाएगी.
इससे पहले Food Processing Technology से किसानों को जोड़ा जाएगा. इसके लिए उन्हें Skill Development से लैस कर, इसके बुनियादी ढांचे में निवेश की संभावनाओं को जमीन पर लागू किया जाएगा. इसी क्रम में फसलों की पैदावार बढ़ाने और फिर उनमें Value Addition करने पर जोर दिया जाएगा.
इस कार्ययोजना से किसानों को जोड़ने के लिए कृषि सेवा केंद्रों का नेटवर्क बढ़ाने, किसानों को पर्याप्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराने, Soil Testing पर जोर देने और छत्तीसगढ़ को जड़ी बूटी और वनोपज के केंद्र के रूप में विकसित करने की योजनाओं को लागू करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया. इसके साथ ही वनोपज का किसानों को बेहतर दाम मिल सके, इसके लिए पूरे राज्य के वन क्षेत्रों में व्यापार केंद्र बनाने, वन एवं बागवानी उपज का भंडारण, प्रसंस्करण और परिवहन करने के बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा.
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विशेषज्ञों ने किसानों को कृषि भूमि का बेहतर उपयोग करने के लिए उन्हें Multi Crop System से जोड़ने पर जोर दिया है. इससे राज्य में Crop Diversification यानी फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा सकेगा. इससे सभी किसान परिवारों की औसत मासिक आय में बढ़ोतरी होना तय है. इस दिशा में किसानों को आगे लाने के लिए उन्हें बेहतर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने, उन्नत तकनीक से लैस करने की जरूरत पर बल दिया गया.
बैठक में किसानों के हर खेत की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण को एकमात्र उपाय बताया गया. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने Agriculture Research and Development में बड़ा निवेश करने, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देने, Organic Farming, फसल चक्र ,खाद्य वितरण प्रणाली और कोल्ड स्टोरेज को मजबूत करने की कार्ययोजना को भी लागू करने की बात कही.
इतना ही नहीं, इस मुहिम में उन्नत प्रशिक्षण और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, कृषि-वानिकी को बढ़ावा देने, कृषि उत्पादों की Marketing के पुख्ता इंतजाम करने सहित अन्य जरूरी उपायों को लागू किया जाएगा. बैठक में तय किया गया कि राज्य नीति आयोग आगामी सितंबर तक Vision Document तैयार कर सरकार को सौंप देगा.
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