राजस्थान सरकार अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर के तहत मोटे अनाजों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके तहत राज्य सरकार कई तरह के आयोजन भी कर रही है. इसी कड़ी में चालू वित्तीय वर्ष में राजस्थान सरकार किसानों को मोटे अनाजों में शामिल बाजरा बीज के मिनीकिट वितरित करेगी. सरकार प्रदेशभर में आठ लाख लघु एवं सीमांत किसानों को संकर बाजरा बीज की मिनिकिट्स देगी. राज्य सरकार ने पिछले साल भी इस योजना के तहत किसानों को बीज मिनिकिट उपलब्ध कराए थे.
किसानों को बाजरे की मिनीकिट देने में राज्य सरकार 16 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें 10 करोड़ रुपये कृषक कल्याण कोष और छह करोड़ रुपये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) न्यूट्रिसीरियल्स में से खर्च किए जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्तीय स्वीकृति दे दी है.
राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के अंतर्गत कम उत्पादकता वाले 15 जिलों में बाजरा बीज की मिनिकिट्स वितरित की जाएंगी. इनमें अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, नागौर, पाली, सीकर, सिरोही एवं टोंक जिले शामिल हैं.
राजस्थान सरकार ने साल 2022-23 में कृषि बजट में राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन की शुरूआत की थी. इसके तहत किसानों को अधिक उपज देने वाले बाजरे के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साल 2022-23 में राजस्थान में किसानों को 8.32 लाख बाजरा मिनिकिट वितरित किए गए थे. इसी के तहत इस साल भी आठ लाख किसानों को इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- हनुमानगढ़ में खुलेगा प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट संस्थान, किसानों ले सकेंगे ट्रेनिंग
बाजरा एक बरसात आधारित फसल है. चूंकि राजस्थान एक शुष्क क्षेत्र है. यहां बारिश और राज्यों की तुलना में कम है. इसीलिए बाजरा उत्पादन में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है. चूंकि राज्य के पश्चिमी जिलों में पूर्वी राजस्थान की तुलना में कम बारिश होती है इसीलिए बाड़मेर जिले में बाजरे का उत्पादन सबसे अधिक है.
प्रदेश में पूरे देश का करीब 42 प्रतिशत यानी 3.75 मिलियन टन बाजरे का उत्पादन होता है. अकेले बाड़मेर जिले में करीब 10 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है और इसका सालाना करीब 500 करोड़ रुपये का बाजरा पैदा होता है.
ये भी पढ़ें- बासमती पर ब्रिटेन ने जारी किया नया नियम, APEDA ने बताया-चावल के निर्यात पर क्या होगा असर!
प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने के लिए और भी कई काम हुए हैं. इसके तहत उत्पादकता में वृद्धि, फसलोत्तर प्रबंधन एवं मूल्य संवर्द्धन के लिए पांच करोड़ की लागत से जोधपुर में मिलेट्स उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में बाजरा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध करा दी है.
ये भी पढ़ें- Natural Farming: क्लाइमेट चेंज को मात दे रही प्राकृतिक खेती, यूपी में सफल रहा ट्रायल
ये भी पढ़ें- गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी! मेरठ की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में लगेगी डिस्टलरी
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today