Millets: आठ लाख किसानों को फ्री म‍िलेंगे बाजरा के बीज, सीड मिनीकिट बांटने की तैयारी

Millets: आठ लाख किसानों को फ्री म‍िलेंगे बाजरा के बीज, सीड मिनीकिट बांटने की तैयारी

राजस्थान सरकार इस वित्तीय वर्ष में आठ लाख किसानों को बाजरे के बीज की मिनिकिट वितरित करेगी. पिछले साल भी करीब आठ लाख किसानों को बाजरा बीज की मिनिकिट बांटी गई थीं. सरकार यह काम मिलेट प्रमोशन मिशन के तहत कर रही है.

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Millets: आठ लाख किसानों को फ्री म‍िलेंगे बाजरा के बीज, सीड मिनीकिट बांटने की तैयारीराजस्थान सरकार आठ लाख किसानों को बाजरे के बीज की मिनिकिट उपलब्ध कराएगी.

राजस्थान सरकार अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर के तहत मोटे अनाजों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके तहत राज्य सरकार कई तरह के आयोजन भी कर रही है. इसी कड़ी में चालू वित्तीय वर्ष में राजस्थान सरकार किसानों को मोटे अनाजों में शा‍म‍िल बाजरा बीज के मिनीकिट वितरित करेगी. सरकार प्रदेशभर में आठ लाख लघु एवं सीमांत किसानों को संकर बाजरा बीज की मिनिकिट्स देगी. राज्य सरकार ने पिछले साल भी इस योजना के तहत किसानों को बीज मिनिकिट उपलब्ध कराए थे. 

16 करोड़ रुपये आएगी लागत

किसानों को बाजरे की मिनीकिट देने में राज्य सरकार 16 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें 10 करोड़ रुपये कृषक कल्याण कोष और छह करोड़ रुपये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) न्यूट्रिसीरियल्स में से खर्च किए जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्तीय स्वीकृति दे दी है. 

इन 15 जिलों में किसानों को दी जाएंगी मिनीकिट

राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन के अंतर्गत कम उत्पादकता वाले 15 जिलों में बाजरा बीज की मिनिकिट्स वितरित की जाएंगी. इनमें अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, नागौर, पाली, सीकर, सिरोही एवं टोंक जिले शामिल हैं.  

क्या है मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन

राजस्थान सरकार ने साल 2022-23 में कृषि बजट में राजस्थान मिलेट्स प्रोत्साहन मिशन की शुरूआत की थी. इसके तहत किसानों को अधिक उपज देने वाले बाजरे के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साल 2022-23 में राजस्थान में किसानों को 8.32 लाख बाजरा मिनिकिट वितरित किए गए थे. इसी के तहत इस साल भी आठ लाख किसानों को इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. 

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बाजरा उत्पादन में पहले स्थान पर है राजस्थान

बाजरा एक बरसात आधारित फसल है. चूंकि राजस्थान एक शुष्क क्षेत्र है. यहां बारिश और राज्यों की तुलना में कम है. इसीलिए बाजरा उत्पादन में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है. चूंकि राज्य के पश्चिमी जिलों में पूर्वी राजस्थान की तुलना में कम बारिश होती है इसीलिए बाड़मेर जिले में बाजरे का उत्पादन सबसे अधिक है.

प्रदेश में पूरे देश का करीब 42 प्रतिशत यानी 3.75 मिलियन टन बाजरे का उत्पादन होता है. अकेले बाड़मेर जिले में करीब 10 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है और इसका सालाना करीब 500 करोड़ रुपये का बाजरा पैदा होता है. 

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राज्य में मिलेट्स प्रमोशन के तहत ये काम भी हुए हैं

प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने के लिए और भी कई काम हुए हैं. इसके तहत उत्पादकता में वृद्धि, फसलोत्तर प्रबंधन एवं मूल्य संवर्द्धन के लिए पांच करोड़ की लागत से जोधपुर में मिलेट्स उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है. साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में बाजरा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध करा दी है.

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