राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अपने इस कार्यकाल में किसानों का करीब 16 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया है. विधानसभा में रखे आंकड़ों के अनुसार यह कर्ज अल्पकालीन है. यह कर्ज 2018 और 2019 में माफ किया गया है. राजस्थान की आयोजना मंत्री ममता भूपेश ने विधानसभा में कर्जमाफी से संबंधित आंकड़े को बताया. इन आंकड़ों के मुताबिक दो सालों में 15792.25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है.
आयोजना मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि सरकार ने 31 दिसम्बर 2022 तक राज्य के सहकारी बैंकों की राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2018 (अल्पकालीन) के तहत 7571.83 करोड़ रुपये, राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (अल्पकालीन) के तहत 7,855.32 करोड़ रुपये सहित कुल 15,427.15 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण माफ किया गया है. इसके अलावा राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन) के तहत 32,734 लघु एवं सीमांत किसानों का 365.10 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है.
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राजस्थान सरकार ने राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2018 के तहत 20.77 लाख किसानों का ऋण माफ किया है. इसके अलावा 2019 में 32,734 लघु एवं सीमांत किसानों का सहकारी बैंकों से लिया लोन माफ किया था. यह ऋण मध्यकालीन और दीर्घकालीन था. हालांकि 2019 के बाद से किसानों का किसी भी तरह का कर्जा माफ नहीं हुआ है.
राजस्थान सरकार ने जिन किसानों की कर्जमाफी की, वे सहकारी बैंकों के कर्जदार थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय बैंकों, शिड्यूल्ड बैंक और आर.आर.बी से जुड़े किसानों की कर्जमाफी के लिए केन्द्र को पत्र लिखें. केन्द्रीय किसान एवं कृषि कल्याण मंत्रालय से इस पत्र का जवाब आया कि राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से किसानों का कर्जा माफ करे. इसके अलावा गहलोत ने किसानों की कर्ज माफी के लिए एक मुश्त ऋण माफी का प्रस्ताव वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कॉर्पोरेट कार्यालयों को भिजवाया. लेकिन राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर अभी तक किसी भी बैंक प्रबन्धन ने सहमति नहीं दी है.
प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार की ओर से कृषक ऋण माफी के लिए 19 दिसम्बर 2018 को आदेश जारी किए. इस आदेश को लागू करने के लिए कैबिनेट ने 29 दिसम्बर 2018 को मंत्रियों की एक समिति का गठन किया. इस समिति ने किसान कर्ज माफी के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर अनुशंसा की.
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इसमें कहा गया कि राष्ट्रीकृत बैंक, शिडयूल्ड बैंक तथा आर.आर.बी. से जुड़े ऐसे किसान जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं और अपना अल्पकालीन फसली ऋण नहीं चुका पा रहे, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में दो लाख रूपये की सीमा तक का एनपीए हो चुका अल्पकालीन फसली ऋण को माफ करने के लिये बैंकों से परामर्श कर वन टाइम सैटलमेंट स्कीम लाई जाए. समिति की अनुशंसा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु सहकारिता तथा आयोजना विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. तब से राष्ट्रीय बैंकों से कर्ज माफी की प्रक्रिया अटकी हुई है.
दिसंबर 2022 में राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सांसद संजय सिंह ने किसानों पर कर्ज, किसानों और दिहाड़ी मजदूरों की मासिक आय से संबंध में एक सवाल पूछा. केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसका जवाब दिया. राज्यसभा में पेश किए आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के प्रत्येक किसान परिवार पर औसत 1,13,865 रुपए का कर्ज है. वहीं, देश के प्रत्येक किसान परिवार पर 74,121 रुपए का कर्ज है. राजस्थान का प्रति किसान परिवार कर्ज के मामले में देश में सातवां स्थान है.
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