अगर आप किसान हैं और बारिश का पानी बचा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. बारिश का पानी बचाकर आप 36 लाख रुपये तक की सब्सिडी पा सकते हैं. दरअसल, अटल भूजल योजना के तहत बारिश के पानी से बागवानी करने पर यह सब्सिडी किसानों को मिल सकती है. यह योजना गिरते ग्राउंड वाटर को रोकने और पानी के पूरे उपयोग के लिए शुरू की गई है. किसान अगर उच्च उद्यानिकी पद्धति के मॉडल विकसित करते हैं तो उन्हें विभिन्न कॉम्पोनेंट पर 35.94 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी.
अटल भूजल योजना एक अप्रैल 2020 को केन्द्र सरकार की ओर से शुरू की गई थी. इस योजना से किसानों को खेती करने के लिए पर्याप्त जल मिलेगा. इस योजना से सात जल संकट वाले राज्यों में जल की पूर्ति की जाएगी. अटल भूजल योजना हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश राज्यों में शुरू की गई है. क्योंकि इन राज्यों में जल की बहुत कमी है. इसमें भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक 50-50 प्रतिशत फंड देती हैं.
इस योजना के तहत गिरते भू-जल स्तर को रोकने और जल का समुचित उपयोग करने के लिए शुरू की गई है. राजस्थान में इस योजना के तहत अब उच्च उद्यानिकी पद्धति के मॉडल विकसित किए जा रहे हैं. इसके लिए सरकार की ओर से एक ही किसान को विभिन्न कम्पोनेन्ट पर 35.94 लाख रूपये अनुदान दिया जाएगा.
उद्यान विभाग के उप निदेशक राकेश कुमार माला ने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत जिले में वर्षा आधारित उच्च उद्यानिकी पद्धति मॉडल तैयार करने के लिए उद्यानिकी विभाग ने तीन ब्लॉक का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया है. पूरे राजस्थान के 17 जिलों की 38 पंचायत समितियों की 1144 ग्राम पंचायतों में यह योजना शुरू की गई है. इनमें भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा पंचायत समिति भी शामिल है.
ये भी पढ़ें- PM Kisan14वीं किस्त से पहले आमने-सामने आए पीएम मोदी और सीएम गहलोत, जानें क्या है मामला?
माला बताते हैं कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक किसान उद्यानिकी विभाग की 6 गतिविधियां (कम्पोनेट) लगा सकते हैं. जिसकी कुल लागत का सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. फिलहाल इसे नवाचार के रूप में शुरू किया जा रहा है. इसके लिए उद्यानिकी विभाग में 31 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते है.
उद्यानिकी विभाग के अनुसार एक ही किसान की ओर से प्लास्टिक लाइनिंग एकल फार्म पौण्ड, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापना (ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर) प्लास्टिक मल्चिंग, लो टनल (एक हजार वर्ग मीटर तक) एवं संरक्षित संरचना (ग्रीन हाऊस, शेडनेट हाउस) लगाने होंगे. इन सब पर अनुमानित लागत करीब 47.92 लाख रूपये आएगी. इस राशइ में से राज्य सरकार की ओर से 35.94 लाख रूपये की सब्सिडी यानी करीब 75 प्रतिशत राशि दी जाएगी.
ये भी पढ़ें- Jal Jeevan Mission: इस साल 5.40 लाख घरों में पहुंचा नल कनेक्शन, योजना में खर्च के मामले में ये है राजस्थान की स्थिति
योजना के तहत किसान के नाम से एक ही स्थान पर न्यूनतम कृषि योग्य एक हैक्टेयर जोत भूमि का स्वामित्व होना जरूरी है. वहीं सह खातेदारों की स्थिति में भी न्यूनतम एक हेक्टेयर भूमि उनके हिस्से में होनी चाहिए. एक से अधिक आवेदन आने की स्थिति में किसान का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today