CM शिवराज के गृह जिले में किसानों के हक पर डाका, हड़प लिए फसल मुआवजे के दो करोड़ रुपये

CM शिवराज के गृह जिले में किसानों के हक पर डाका, हड़प लिए फसल मुआवजे के दो करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में किसानों की क्षति पूर्ति की राशि में गबन का मामला उजागर हुआ है. जिले में साल 2017 से लेकर 2021 तक बारिश, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा की क्षति पूर्ति की राशि को अलग से फर्जी नाम जोड़कर उनके खातों में डाल दिया गया. यह राशि लगभग दो करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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CM शिवराज के गृह जिले में किसानों के हक पर डाका, हड़प लिए फसल मुआवजे के दो करोड़ रुपयेफसली नुकसान का जायजा लेते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोटो-India Today/PTI)

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति की राशि में गबन का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है. सीहोर जिले में किसानों की क्षति पूर्ति की राशि को अलग से फर्जी नाम जोड़कर करीब दो करोड़ रुपये की राशि को दूसरो के खातों में डाल दी गई. मामला साल 2017 से लेकर 2021 तक की बारिश, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा की क्षति पूर्ति की राशि से जुड़ा हुआ है. मामले को लेकर सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने FIR के लिए लेटर लिखा है. अब उन लोगों की पहचान शुरू हो गई है जिन्होंने किसानों के पैसे पर डाका डाला है.

दूसरी ओर सीहोर जिले के ही इछावर में शुरुआती जांच में पता चला कि 63 लाख 58 हजार 894 रुपये की राशि को तहसील के नाजिर, कंप्यूटर ऑपरेटर और इनकी पत्नी और हल्का पटवारी ने ही अपने खातों में ट्रांजैक्शन कर लिया है. यहां इनके खातों में 171 ट्रांजैक्शन कर भुगतान कर लिया गया है. इससे किसानों सहित पूरे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है क्योंकि यह मामला खुद मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर का है.

जानें क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में किसानों की क्षति पूर्ति की राशि में गबन का मामला उजागर हुआ है. जिले में साल 2017 से लेकर 2021 तक बारिश, ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदा की क्षति पूर्ति की राशि को अलग से फर्जी नाम जोड़कर उनके खातों में डाल दिया गया. यह राशि लगभग दो करोड़ रुपये बताई जा रही है. मामला ग्वालियर के महालेखाकार के ऑडिट में किसानों के नाम मिसमैच होने पर सर्वर में सामने आया है. इसके बाद प्रशासन में हड़कंप की स्थिति बन गई है.

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ऐसे उजागर हुआ मामला 

बताया गया है कि ग्वालियर के महालेखाकार के ऑडिट में इस गड़बड़ी की जानकारी सामने आई. ऑडिट में देखा गया कि नाम में अतर है. जिन किसानों का नाम होना चाहिए, उनके बदले किसी और का नाम था. जब महालेखाकार ने अलग-अलग जिलों से किसानों की क्षति पूर्ति के लिए आई राशि का ऑडिट किया तो जिन किसानों के खातों में राशि डालनी दी, उनकी जगह दूसरे लोगों के नाम निकलकर सामने आए. इसे देखकर अधिकारी भी चौंक गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए गए हैं. 

12 जिलों में हुआ फर्जीवाड़ा

बताया गया है कि 12 जिलों में फसलों की क्षति पूर्ति राशि का दुरुपयोग किया गया है. ऑडिट में पता चला कि सीहोर, विदिशा, रायसेन, शिवपुरी, सतना, दमोह, छतरपुर, खंडवा, सिवनी, मंदसौर, अगर, श्योपुर में राशि का दुरुपयोग किया गया. अलग से खातों को जोड़कर ट्रांजैक्शन किया गया है. इन जिलों से करीब 15 करोड़ की राशि की हेराफेरी की संभावना है. जांच में पता चला कि कंप्यूटर ऑपरेटर और इनकी पत्नी हल्का पटवारी ने ही अपने खातों में राशि का ट्रांजैक्शन कर लिया.

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जिले के इछावर तहसील में मामले को लेकर जब प्रशासन ने जांच की तो 63 लाख 58 हजार 894 रुपये की राशि को तहसील के नाजिर, कंप्यूटर ऑपरेटर और ऑपरेटर की पत्नी प्रीति चौरसिया और हल्का पटवारी ने ही अपने खातों में पैसा ट्रांसफर कर लिया है. इनके खातों में 171 ट्रांजैक्शन में भुगतान की बात सामने आई है. इसी तरह जिले की तहसील आष्टा और रेहटी में भी खातों में राशि डाली गई है. इस तरह जिले भर की यह राशि करीब दो करोड़ रुपये की बताई गई है. 

कलेक्टर ने दिए निर्देश, होगी FIR 

मामले को लेकर सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि ऑडिट में मामला सामने आया है, जिसको लेकर टीम बनाई गई है और जांच कर FIR कराने के निर्देश दिए गए हैं. कलेक्टर ने कहा कि नाजिर, कंप्यूटर ऑपरेटर ने किसानों की जगह अलग से नाम जोड़कर पैसे का ट्रांजैक्शन कर लिया है. इस मामले में चार लोगों पर एफआईआर कराने के लिए पत्र लिखा गया है.

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