हरियाणा में खरीफ फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस मिलेगा, सरकार का ऐलान

हरियाणा में खरीफ फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस मिलेगा, सरकार का ऐलान

हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि किसानों को खरीफ फसलों का बोनस मिलेगा. इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 2000 रुपये का बोनस मिलेगा. कम बारिश को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है. सीएम सैनी ने कहा कि किसानों से अपील है 15 अगस्त तक किसान अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाएं. सीएम ने कहा एक एकड़ से कम का किसान अगर कोई है, तो उसे भी 2 हज़ार रुपये मिलेंगे. 

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हरियाणा में खरीफ फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस मिलेगा, सरकार का ऐलानहरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया. यह ऐलान किसानों को लेकर है. बड़े फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कहा, कम बारिश के चलते किसानों के ख़र्चे बढ़े हैं. इसलिए अब चालू खरीफ़ की फसलों का बोनस मिलेगा. इस साल खरीफ़ की फसलों पर प्रति एकड़ 2000 रुपये बोनस मिलेगा. सीएम सैनी ने कहा कि किसानों से अपील है 15 अगस्त तक किसान अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाएं. सीएम ने कहा एक एकड़ से कम का किसान अगर कोई है, तो उसे भी 2 हज़ार रुपये मिलेंगे. सीएम ने कहा मैं गरीब किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं.

इस फैसले के बारे में सीएम नायब सिंह सैनी ने बड़ी जानकारी दी. कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फैसले का की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कच्चे कर्मचारियों को लेकर एक एक्ट लाकर उनकी सेवा को सुरक्षित करने का फैसला किया गया है. आउटसोर्स और HKRN के तहत लगे 1 लाख 20 हज़ार कर्मचारियों का इसका फ़ायदा मिलेगा. कर्मचारियों को पे स्केल का बेसिक वेतन मिलेगा.

सरकार ने की बड़ी घोषणाएं

सीएम ने कहा, सालाना वेतन व्रद्धि का लाभ भी कच्चे कर्मचारियों को इस फैसले के तहत मिलेगा. 50 हज़ार रुपये से अधिक वेतन लेने वाले कर्मचारी इस पॉलिसी में शामिल नहीं होंगे. केंद्र सरकार की योजनाओं से स्पॉन्सर कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. 
5 साल या इससे अधिक जिन कर्मचारियों का समय हो गया है, उनको इसका लाभ मिलेगा.

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जिन कर्मचारियों को 5 साल या इससे अधिक हुए हैं, उन्हें न्यूनतम पे स्केल का 5 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा. इसी तरह 8 साल वाले कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल का 10 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा और इससे अधिक जिनकी नौकरी हुई है, उन्हें यूनतम पे स्केल का 15 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा.

हरियाणा कैबिनेट की अहम बैठक में कई बातों का फैसला लिया गया. कैबिनेट के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें फैसलों की जानकारी दी गई. पत्रकारों को लेकर भी कैबिनेट ने निर्णय लिया है. मासिक पेंशन में 2 शर्तें थी उनको हटाने की मांग आ रही धी जिसके बाद उन्हें हटाया गया है. पत्रकारों पर अपराधिक मामले के चलते पेंशन की दिक्कत थी उसमें संसोधन किया गया है. एक परिवार में पति-पत्नी दोनों पत्रकार हैं तो उन्हें पेंशन मिलेगी, इससे पहले एक को ही पेंशन मिलती थी.

सीएम ने कहा कि किसान संगठनों से जब मैंने मुलाकात की तब उनसे कई सुझाव मिले थे. सरकार ने किसानों की फसलें MSP पर खरीदने और आबियाना ख़त्म करने का फैसला कैबिनेट ने पहले ही लिया है. सीएम ने कहा इस साल मई, जून और जुलाई में कम बारिश हुई है. कम बारिश के चलते किसानों के ख़र्चे बढ़े हैं, इसलिए आज कैबिनेट ने चालू खरीफ़ की फसलों का बोनस मिलेगा. इस साल खरीफ़ की फसलों पर प्रति एकड़ 2000 रुपये बोनस मिलेगा.

सीएम ने कहा कि किसानों से अपील है 15 अगस्त तक किसान अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाएं. सीएम ने कहा कि एक एकड़ से कम का किसान अगर कोई है तो उसे भी 2 हज़ार रुपये मिलेंगे. सीएम ने कहा मैं गरीब किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा समझता हूं.

सरकार का अहम ऐलान

एक दिन पहले सीएम सैनी ने हरियाली तीज पर महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया था. मुख्यमंत्री ने ऐलान में कहा कि प्रदेश के 46 लाख परिवारों को महीने में एक बार 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा. इस घोषणा से प्रदेश के 1.80 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों को आर्थिक लाभ होगा.

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कुछ दिन पहले नायब सिंह सैनी ने ऐलान में कहा था कि किसानों का पिछले आबियाने का 133 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया माफ कर दिया गया है. हरियाणा की सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी. अब देश में 3 स्टार मोटर बनाने वाली सभी कंपनियां हरियाणा के पैनल पर रहेंगी. इससे 31 दिसंबर 2023 तक नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले किसानों को राहत मिलेगी. रोहतक, नूंह, फतेहाबाद और सिरसा में 2023 से आपदा में फसलों को हुए नुकसान का लंबित 137 करोड़ रुपये का मुआवजा एक सप्ताह में किसानों के खाते में ट्रांसफर होगा. बिजली का ट्रांसफार्मर खराब होने पर बिजली निगमों द्वारा अपने खर्च पर बदले जाएंगे.

 

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