देश के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी से अति भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. ऐसे में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एग्रोमेट डिवीजन ने पूर्वोत्तर और उत्तर भारत के कुछ राज्यों के लिए एडवायजरी जारी की है. एग्रोमेट ने किसानों को चेतावनी के साथ कई अहम सुझाव और सलाह दी है, जिससे वे अपना फसल और पशुधन का नुकसान होने से रोक सकते हैं या नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं.
आईएमडी के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में 8 अगस्त को अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 7 से 13 अगस्त के दौरान हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी बारिश के दौर की संभावना बनी हुई है.
ऐसे में एग्रोमेट ने किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में नई बुवाई या रोपाई को फिलहाल टालने की सलाह दी है. साथ ही, लगभग पक चुके केले के गुच्छों की कटाई कर उन्हें सूखी और सुरक्षित जगह पर रखने के लिए कहा है. वहीं, धान, मक्का, कोदो, सोयाबीन और सब्जियों के खेतों से जलभराव को रोकने के लिए निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी है.
इसके अलावा 10 अगस्त से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश का नया दौर शुरू होने की संभावना है. ऐसे में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के किसानों को फसलों के खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था करने और खेतों की मेड़ों को मजबूत करने की सलाह दी गई है. सब्जियों की बुवाई भी कुछ दिनों के लिए रोकने की हिदायत भी दी गई है.
आईएमडी के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना में भी अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश और आंधी-तूफान की आशंका है. ऐसे में इन क्षेत्रों में फसलों, विशेषकर केले और नारियल के पौधों को सहारा देने की जरूरत है, ताकि तेज हवाओं से वे न गिरें.
वहीं, बिहार में मक्का, प्याज, मिर्च, रागी जैसी खड़ी फसलों में जलभराव से बचाव जरूरी है. सभी कृषि क्षेत्रों में जलनिकासी, फसल की सुरक्षा और मिट्टी कटाव रोकने की तैयारी करने की सलाह दी गई है.
IMD ने पशुपालकों को भारी बारिश के दौरान जानवरों को शेड में रखने और चारा सुरक्षित जगह रखने की सलाह दी है. वहीं, मछली पालकों को तालाबों में अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने और मछलियों को बहने से बचाने के लिए उचित जाल लगवाने की सलाह दी गई है.
इस हफ्ते भारी बारिश और आंधी-तूफान की आशंका के मद्देनज़र IMD के डिवीजन एग्रोमेट की यह एडवायजरी किसानों के लिए बेहद अहम है. किसान समय रहते फसलों की सुरक्षा और खेतों में जलनिकासी की व्यवस्था करना फसल नुकसान को काफी हद तक टाल सकते हैं.
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