महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक किसानों को अब जाकर थोड़ी राहत जरूर मिली है क्योंकि अब किसानों को प्याज की अच्छी कीमतें मिलनी शुरू हो गई है. लगभग एक साल से अच्छी कीमत पाने के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को इससे काफी राहत मिलने की उम्मीद है. किसानों को प्याज की अच्छी कीमतों को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ ने किसानों से आग्रह किया है कि सबसे पहले वो अपनी भंडारण क्षमता का आकलन करें और देखे कि उनके पास स्टॉक में कितना प्याज बचा हुआ है. इसके बाद वो धीरे-धीरे ही अपने स्टॉक से प्याज निकालकर बाजार में बेचें. इससे बाजार में भी कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी और किसानों को अच्छी कीमत मिलती रहेगी.
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार पिछले दो वर्षों के दौरान किसानों को प्याज की कम कीमतों का सामना करना पड़ा है. इसके कारण प्याज किसानों को काफी नुकसान भी हुआ है. क्योंकि दाम नहीं मिलने के बाद भी किसानों को अपने उत्पाद कम कीमतों में बेचना पड़ रहा था. द हिंदू बिजनेसलाइन कि रिपोर्ट के अनुसार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि प्याज किसानों को इस परेशानी का सामना मुख्य रूप से निर्यात प्रतिबंध और निर्यात शुल्क जैसे विभिन्न सरकारी निर्णयों के कारण था. इसके कारण बाजार में कीमतें कम हो गई थी.
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उन्होंने आगे की अब, जैसे-जैसे कीमतों में सुधार हो रहा है, तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं, जिससे बाजार के एक बार फिर से अस्थिर होने का खतरा पैदा हो गया है. भरत दिघोले ने हाँ कि किसानों को इन अफवाहों से प्रभावित नहीं होना चाहिए और अपना प्याज धीरे-धीरे करके कई चरणों में बेचना जारी रखना चाहिए. वहीं प्याज किसानों ने आरोप लगाया कि प्याज की कीमतों में हेरफेर करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से प्रयास चल रहे हैं. जानबूझकर किसानों को डराने की कोशिश की जा रही है ताकि किसान एक ही बार में अपनी उपज बाजार में उतार दें और फिर से कीमतें कम हो जाएं.
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भरत दिघोले ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री योजना शुरू की है. इस योजना के तहत कीमतों को स्थिर करने के लिए बाजार में प्याज की खरीद और बिक्री की जाएगी. इसलिए एसोसिएशन ने किसानों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. अपने प्याज की भंडारण क्षमता का मूल्यांकन करें और बाजार की कीमतों को अपने नियंत्रण में रखने के लिए उन्हें धीरे-धीरे बेचें. इसके बाद भी यदि राज्य या केंद्र सरकार या किसी अन्य संस्था द्वारा सीधे प्याज की कीमतें कम करने का कोई प्रयास किया जाता है, तो एसोसिएशन उचित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है.
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