अब माइग्रेशन नहीं, इनोवेशन से पहचाना जाएगा बिहार! जानिए बिहार सरकार ने ऐसा क्‍या किया?

अब माइग्रेशन नहीं, इनोवेशन से पहचाना जाएगा बिहार! जानिए बिहार सरकार ने ऐसा क्‍या किया?

बिहार में स्टार्टअप क्रांति को अब डिजिटल पंख मिल गए हैं. राज्य सरकार द्वारा 'बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' का शुभारंभ किया गया है, जो उद्यमिता के क्षेत्र में युवाओं के सपनों को उड़ान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.

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अब माइग्रेशन नहीं, इनोवेशन से पहचाना जाएगा बिहार! जानिए बिहार सरकार ने ऐसा क्‍या किया?बिहार में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा

पटना: अगर आप बिहार के युवा हैं और अपने गाँव या शहर में रहकर कुछ नया करने का सपना देखते हैं, तो आपके लिए सुनहरा मौका आया है. चुनावी साल में बिहार सरकार ने स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 'बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' लॉन्च किया है. यह पोर्टल युवाओं के इनोवेटिव आइडियाज़ को एक मंच प्रदान करेगा और उनके बिज़नेस आइडियाज़ को साकार करने में मदद करेगा. सरकार ने सभी इच्छुक युवाओं, छात्रों और इनोवेटर्स से अगस्त के आखिरी हफ्ते तक इस पोर्टल के ज़रिए अपने बिज़नेस आइडियाज़ भेजने का आग्रह किया है. साथ ही, चयनित प्रतिभागियों को सरकार की ओर से फंडिंग, ट्रेनिंग और मेंटरशिप भी दी जाएगी.

1500 स्टार्टअप को 10 गुना करने का लक्ष्य

बिहार में हाल के दिनों में 1500 से ज़्यादा स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं, जिन्हें राज्य सरकार दस गुना बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसी उद्देश्य से सरकार ने 'बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' लॉन्च किया है. इस पोर्टल के ज़रिए युवाओं को न सिर्फ़ अपने बिज़नेस आइडियाज़ पेश करने का एक मंच मिलेगा, बल्कि वे उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे. सरकार ने इस पोर्टल के ज़रिए लगभग 10,000 आइडियाज़ इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है.

चयनित प्रतिभागियों मिलेगा सरकारी सहयोग 

राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने पटना के विकास भवन में 'बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल' का औपचारिक शुभारंभ किया. साथ ही, यह डिजिटल प्लेटफॉर्म युवाओं, छात्राओं, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों को उद्योग विभाग की योजनाओं से सीधे जोड़ने का माध्यम बनेगा. यह पोर्टल ऐसे समय में लॉन्च किया गया है जब बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 अपने अंतिम चरण में है. यह फेस्टिवल अब तक राज्य के 24 जिलों में आयोजित किया जा चुका है. इस मेले के दौरान युवाओं से बिजनेस आइडिया लिए गए हैं. इन बिजनेस आइडिया में से चयन कर प्रतिभागियों को 50 करोड़ रुपये से अधिक का सरकारी सहयोग और निवेशक संपर्क उपलब्ध कराया जा रहा है.

नौकरी मांगने वाला नहीं देने वाला बनेगा बिहार

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, "इस अभियान की शुरुआत 'बिहार आइडिया फेस्टिवल' से हुई है. हमने इस बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल के माध्यम से हर प्रखंड से कम से कम एक युवा उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा है, जो नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा." नीतीश मिश्रा ने आगे कहा कि "हमारे गाँवों में अपार प्रतिभाएँ छिपी हैं. बस उन्हें अवसर और दिशा देने की ज़रूरत है. साथ ही, बिहार के युवा अब पलायन नहीं करेंगे, बल्कि अपने गाँवों में ही रोज़गार के अवसर पैदा करेंगे."

सरकार की योजना से गांव-कस्बे बनेंगे उद्यमिता के हब!

बिहार जैसे राज्य में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कई युवा बेहतर संसाधनों के अभाव में पिछड़ जाते हैं. इस योजना के तहत गाँवों, कस्बों और छोटे शहरों को उद्यमिता के नए केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. युवाओं की रचनात्मक ऊर्जा को सही दिशा देने के लिए सरकार संसाधन, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. चाहे आपका आइडिया तकनीक से जुड़ा हो, खेती के नए तरीके से जुड़ा हो या फिर किसी अनोखे स्टार्टअप से, सरकार आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी.

लेकिन सवाल यह है कि क्या यह योजना वाकई बिहार के युवाओं का भविष्य बदल पाएगी? युवाओं की जोश भरी ऊर्जा, सरकार की रणनीति और समाज की भागीदारी मिलकर बिहार को उद्यमिता का नया केंद्र बना सकती है. यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे हकीकत में बदलने की ज़िम्मेदारी अब बिहार के युवाओं और सरकार के कंधों पर है.

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