उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में खरीफ सीजन के के तहत किसानों को आवश्यक खाद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खाद की आपूर्ति श्रृंखला की सघन मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जाए और कालाबाजारी या जमाखोरी की किसी भी कोशिश पर कठोरतम कार्रवाई हो.
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाए. इसके लिए जिलों में नियमित रूप से खाद वितरण की समीक्षा हो और जिलाधिकारी स्तर से इसकी निगरानी हो. यदि किसी क्षेत्र में खाद की कमी की सूचना मिलती है, तो तत्काल वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री योगी ने खाद की प्रदेश के भीतर कालाबाजारी अथवा पड़ोसी देशों में तस्करी के प्रयासों के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति या संगठन किसानों के हक पर डाका डालने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच की जाए, और गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निरस्त करने से लेकर एफआईआर तक की कार्यवाही की जाए.
योगी ने किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कृषकों से संवाद और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था को भी सशक्त करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि किसानों को पता होना चाहिए कि खाद कहां और किस मूल्य पर उपलब्ध है, इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, कृषि विभाग की वेबसाइट, और स्थानीय मीडिया का समुचित उपयोग किया जाए.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसान हमारी प्राथमिकता हैं. उनके हितों की रक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. खाद की उपलब्धता, गुणवत्ता और कीमत पर पूरी निगरानी रखी जाएगी, ताकि अन्नदाता को कोई असुविधा न हो.
सहकारिता क्षेत्र के अन्तर्गत रिटेलर क्षेत्र में 114134 मी0टन एवं 192745 मी0टन मात्रा जनपद के गोदामों में उपलब्ध है, इसी प्रकार 1145690 मी0टन मात्रा निजी क्षेत्र में कुल 1425569 मी0टन यूरिया उर्वरक प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध है.
मामले में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों की फसल की आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक प्रदेश के सभी जनपदों में सहकारी समितियों एवं बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध है. अपनी फसल की आवश्यकतानुसार किसान समय-समय पर उर्वरक क्रय कर प्रयोग कर सकते हैं. किसी भी स्थिति में उर्वरक का क्रय कर भण्डारित न करें, जिससे अन्य कृषकों को उर्वरक हेतु असुविधा उठानी पड़े.
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