झारखंड के धनबाद जिले में बीज वितरण के दौरान किसानों को बीज लेने में खासी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. खबर है कि यहां मोबाइल पर ओटीपी ना आने की वजह से किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. साथ ही एक सेंटर पर अधिक भीड़ होने के कारण किसानों को बीज भी सही से नहीं मिल रहा है. जब ओटीपी की दिक्कत को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा गया तो वे इसे तकनीकी दिक्कत बता रहें हैं.
दरअसल, तोपचांची प्रखंड के हटिया मैदान स्थित किसान सिंगल विंडो सेंटर में कृषि विभाग द्वारा उड़द बीज का वितरण किया जा रहा था. इस दौरान विभिन्न पंचायतों से बड़ी संख्या में किसान शामिल आए हुए थे. बीज वितरण के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली, जिससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. बताया जा रहा है कि बीज वितरण प्रक्रिया ओटीपी (OTP) के माध्यम से चल रही थी. यहां प्रति एकड़ 4 किलो बीज देने का प्रावधान है. लेकिन सेंटर पर भारी भीड़ और सीमित संसाधनों के चलते, एक ओटीपी पर बहुत कम किसानों को बीज दिया गया. इससे तंग आकर बहुत सारे किसानों ने विरोध जताया.
इसको लेकर सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) रामलाल पासवान ने बताया कि किसानों का कहना था कि उनके नाम पर आए बीज किसी और को न दिए जाएं. इसलिए बीज वितरण सिस्टमैटिक ढंग से किया जाना था. लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण व्यवस्था बिगड़ गई. ब्लॉक प्रमुख आनंद महतो ने भी अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि विभाग को पहले से चेताया गया था कि इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एक साथ बुलाना उचित नहीं है. महतो ने आरोप लगाया कि बिना पूरी तैयारी के वितरण शुरू कर दिया गया. उनका कहना है कि जब बीज की पूरी मात्रा विभाग के पास नहीं थी, तो वितरण कैसे शुरू कर दिया गया? ब्लॉक प्रमुख ने बीज वितरण की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया.
इस मामले पर विधायक प्रतिनिधि जगदीश चौधरी ने सुझाव दिया कि बीज वितरण पंचायतवार करने की जरूरत है. कृषक मित्रों के माध्यम से लिस्ट बनाकर व्यवस्थित तरीके से वितरण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे प्रखंड के किसानों को एक ही जगह बुलाने से भीड़ और अव्यवस्था होना स्वाभाविक है. मोबाइल पर ओटीपी का सिस्टम नहीं चल सकेगा. साधारण किसान मोबाइल के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं. कई किसान अपने छोटे बच्चों और घर का काम छोड़कर बीज लेने आए थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. किसानों ने विभाग और प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए.
वहीं इस समस्या को लेकर कृषि पदाधिकारी अभिषेक मिश्रा ने कहा कि किसान का एक मोबाइल नंबर विभाग के पास रजिस्ट्रार्ड रहता है, जिस पर ओटीपी जाता है. ओटीपी सिस्टम एक पारदर्शी प्रकिया है. हालांकि उन्होंने मामले को लेकर कहा कि टेक्निकल चीजों में कठिनाई होती है. लीकेज कम से कम हो जिसके लिए तकनीक का सहारा लिया जाता है. अगर इस व्यवस्था को हम बंद कर दें तो किसानों को शायद बीज ही ना मिले. किसानों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े इसलिए तकनीकी पदाधिकारी कोशिश कर रहें हैं. कृषि पदाधिकारी ने कहा कि भीड़ बढ़ने के कारण दिक्कत होती है.
रिपोर्ट- सिथुन मोदक
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