गोवंश बढ़ाने के लिए कैटल ब्रीडर को बिना ब्याज मिलेंगे 50 हजार रुपये, अमित शाह करेंगे शुरुआत 

गोवंश बढ़ाने के लिए कैटल ब्रीडर को बिना ब्याज मिलेंगे 50 हजार रुपये, अमित शाह करेंगे शुरुआत 

जीएससी और बनास डेयरी मिलकर कैटल ब्रीडर के लिए क्रेडिट कार्ड योजना शुरू कर रहे हैं. जब ब्रीडर को पैसे की जरूरत होगी तो वो कार्ड की मदद से पैसे निकाल सकेगा. और खास बात ये कि इस पैसे को लौटाने पर पशुपालक को ब्याज भी नहीं देनी होगी. 

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गोवंश बढ़ाने के लिए कैटल ब्रीडर को बिना ब्याज मिलेंगे 50 हजार रुपये, अमित शाह करेंगे शुरुआत 

गोवंश का कुनबा बढ़ाने के लिए बनास डेयरी और गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (जीएससी) मिलकर एक योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना का फायदा कैटल ब्रीडिंग पर काम करने वाले पशुपालकों को मिलेगा. 15 जनवरी से ये योजना शुरू हो जाएगी. जानकारों की मानें तो केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसानों के बीच इसकी शुरुआत करेंगे. अभी इस योजना का लाभ गुजरात के पशुपालकों को मिलेगा. योजना के तहत किसानों को 50 हजार रुपये का क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा. 

इस कार्ड की मदद से पशुपालक अपनी जरूरत के हिसाब से रुपये निकालता रहेगा. गौरतलब रहे इससे पहले बनास डेयरी यूपी के बनारस में एक प्रोजेक्ट की शुरुआत कर चुका है. प्रोजेक्ट के तहत मिल्क यूनिट भी लगाई गई है.

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15 जनवरी को अमित शाह पशुपालकों को देंगे क्रेडिट कार्ड

बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, गुजरात के एमडी संगराम चौधरी ने किसान तक से बातचीत में बताया कि जीएससी बैंक के साथ मिलकर ये योजना तैयार की गई है. योजना की शुरुआत 15 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. इस मौके पर लाभार्थी पशुपालकों को अमित शाह क्रेडिट कार्ड वितरित करेंगे. कार्यक्रम के दौरान करीब 50 हजार पशुपालक मौजूद रहेंगे. इसमे 25 हजार की संख्या  में महिला पशुपालक भी होंगी. आरबीआई के डिप्टी गर्वनर समेत दूसरे अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. 

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50 हजार लीटर की क्षमता का प्लांट लगा है बनारस में 

बनारस के करखियांव गांव में बनास डेयरी ने मिल्क  प्लांट लगाने के साथ ही गांव-गांव में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना शुरू की है. दुग्ध उत्पादन में प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर बनास डेयरी ने करीब दो लाख पशुपालकों को जोड़ने का काम किया है. खास बात ये है कि पशुपालकों को अपना दूध बेचने के लिए कहीं दूर ना जाना पड़े इसके लिए 50 हजार लीटर की क्षमता वाले 10 चिलर प्लांट का निर्माण भी कराया है. वहीं मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट की क्षमता पांच लाख लीटर दूध रोजाना की है. वहीं मिल्क कलेक्शन के लिए 128 समितियां भी बनाई गई हैं. 

 

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