scorecardresearch
Animal Husbandry: 7 साल में डेयरी, फिशरीज-पोल्ट्री की बदल जाएगी तस्वीर, नौकरी-रोजगार के होंगे लाखों मौके

Animal Husbandry: 7 साल में डेयरी, फिशरीज-पोल्ट्री की बदल जाएगी तस्वीर, नौकरी-रोजगार के होंगे लाखों मौके

अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी का कहना है कि डेयरी हो या लाइव स्टॉक सेक्टर, सभी में आने वाले सात से आठ साल में करीब 1.60 लाख करोड़ का निवेश आएगा. सबसे अच्छी बात ये है कि ऐसा होने से सबसे ज्यादा नौकरियों के मौके गांवों में ही मिलेंगे. 

advertisement
अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोस‍िएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी. अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोस‍िएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी.

‘देश में खाने-पीने के सामान का बाजार आज की तारीख में करीब 50 लाख करोड़ का है. इसमे दाल-अनाज, डेयरी और लाइव स्टॉक सभी शामिल हैं. अच्छी बात ये है कि आने वाले सिर्फ सात साल में ये बाजार 170 लाख करोड़ का हो जाएगा. अभी ये बाजार 12 से 14 फीसद की रफ्तार से बढ़ रहा है. इसे आप किसान बाजार भी बोल सकते हैं.’ ये कहना है अमूल के पूर्व एमडी और इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी का. आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि 50 में से सात लाख करोड़ का बाजार ऑर्गेनाइज्ड है. 

जिसमे 50 फीसद की हिस्सेदारी अकेले डेयरी के पास है. यही वजह है कि आने वाले सात साल यानि 2030 तक देश के अंदर डेयरी, पोल्ट्री, पशुपालन और फिशरीज में जबरदसत बदलाव देखने को मिलेगा. नौकरी और रोजागार की भरमार होगी. जिस ग्रामीण क्षेत्र को नौकरी के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता है वहां सबसे ज्यादा नौकरी और रोजगार के मौके मिलेंगे. 

72 लाख जॉब आने का आरएस सोढ़ी ने बताया तरीका

आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि देश में जो खाने-पीने के सामान का जो 50 लाख करोड़ का बाजार है वो 2030 तक 170 लाख करोड़ का हो जाएगा. अभी 50 लाख करोड़ के बाजार में सात लाख करोड़ का बाजार ही ऑर्गेनाइज्ड है. इसमे से भी 3.5 लाख करोड़ का बाजार अकेले डेयरी का ही है. अगर डेयरी की ही बात करें तो ये तेजी से बढ़ रहा सेक्टर है. 50 साल पहले दूध का उत्पादन 24 मिलियन टन था और अब 231 मिलियन टन है. दूध उत्पादन में हर 25 साल में तीन गुना इजाफा होता है. आज हमारे देश में हर रोज 60 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है. 

ये भी पढ़ें: Poultry: चिकन-ऐग का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने पोल्ट्री फार्मर से मांगे सुझाव, पढ़ें डिटेल 

इसमे से 12 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन ऑर्गेनाइज्ड तरीके से हो रहा है. यही 12 करोड़ लीटर दूध सात बाद 24 करोड़ लीटर का हो जाएगा. अब अगर इंडस्ट्री के लिहाज से बात करें तो ऑर्गेनाइज्ड तरीके से एक लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग में 50 करोड़ रुपये का खर्च आता है. इस आंकड़े के हिसाब से सात साल में अकेले डेयरी सेकटर में एक लाख करोड़ का निवेश आएगा. मतलब 60 हजार करोड़ रुपये प्रोसेसिंग में और 40 हजार करोड़ रुपये का खर्च डेयरी वैल्यू चैन के डवलपमेंट पर आएगा. 

ये तो रही निवेश की बात, अब अगर जॉब यानि नौकरी और कारोबार की बात करें तो एक लाख लीटर दूध प्रोसेस होने पर छह हजार लोगों के लिए नौकरी और कारोबार के रास्ते खुलते हैं. इसमे टॉप से लेकर नीचे तक सभी तरह की नौकरी शामिल हैं. इसमे से एक बड़ा हिस्सा यानि पांच हजार जॉब गांवों में होंगी तो एक हजार शहर में. 

डेयरी में नौकरी-निवेश के लिए करने होंगे ये दो काम

आरएस सोढ़ी ने बताया कि आने वाले सात साल में 72 लाख जॉब और एक लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य हम हासिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमे दो बेहद जरूरी काम करने होंगे. पहला तो ये कि प्रति पशु दूध उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देना होगा और दूसरा ये कि आज देश में चारे की कमी है, इसे दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी. प्रति पशु दूध उत्पादन तभी बढ़ेगा जो गांवों से युवाओं का पलायन रोका जाएगा. उन्हें पशुपालन के लिए आकर्षित किया जाएगा. पशुपालन में भी रोजगार है ये बात उन्हें समझाई जाएगी. चारे की बात करें तो आज देश में एक तिहाई चारे की कमी है. 

लाइव स्टॉक में आएगा 50 से 60 हजार करोड़ का निवेश

आरएस सोढ़ी ने लाइव स्टॉक की बात करते हुए बताया कि जब खाने-पीने के सामान की बात हो तो लाइव स्टॉक को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. आने वाले सात-आठ साल में लाइव स्टॉक सेक्टर जैसे पोल्ट्री (अंडा-चिकन), फिशरीज और मीट के बाजार में भी 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा. आज पोल्ट्री सेक्टर तीन लाख करोड़ का है. ये सेक्टर हर साल आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है.  

ये भी पढ़ें: Bird Flu: पोल्ट्री फार्मर के लिए आई बड़ी खबर, फरवरी तक इन 5 बातों का रखें खास ख्याल

फल-सब्जी से ज्यादा डेयरी-पोल्ट्री का उत्पादन बढ़ रहा 

आरएस सोढ़ी ने बताया कि आज फल-सब्जी से ज्यादा दूध और लाइव स्टॉक का उत्पादन बढ़ रहा है. अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल-सब्जी का 5.5 गुना उत्पादन बढ़ चुका है. 50 साल पहले दूध्‍ का उत्पादन 24 मिलियन टन था. जबकि आज 231 मिलियन टन पर पहुंच चुका है. अगर हम आंकड़े देखें तो हर 25 साल में दूध का उत्पादन तीन गुना हो जाता है.