Yamuna River: राजधानी दिल्‍ली में यमुना खतरे के निशान पर, किसानों और फसलों पर बड़ा संकट 

Yamuna River: राजधानी दिल्‍ली में यमुना खतरे के निशान पर, किसानों और फसलों पर बड़ा संकट 

Yamuna River: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में मूसलाधार बारिश का कहर लगातार जारी है. कुछ क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. अब इस पहाड़ी जल प्रलय का असर मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी अपने सामान्य बहाव को छोड़कर रौद्र रूप धारण करती दिख रही है.

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Yamuna River: राजधानी दिल्‍ली में यमुना खतरे के निशान पर, किसानों और फसलों पर बड़ा संकट Yamuna River Flood: यमुना के किनारे फसलों पर बड़ी आफत

राजधानी दिल्ली की यमुना नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है. ऐसे में अब यमुना के किनारे के खेतों में बड़े नुकसान की आशंका लगाई जा रही है. गुरुवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास 204.79 मापा गया था. शाम होते-होते यह तक 205 मीटर तक पहुंच गया और रात 8 बजे तक जलस्तर 205.05 मीटर पर था. गुरुवार को ही सुबह 6 बजे हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 36409 क्यूसिक पानी छोड़ा गया. इसके चलते यमुना नदी उफान पर है और खतरे के निशान को पार कर गई हे.

हरियाणा से छोड़ा जा रहा पानी 

पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बरसात की वजह से करीब 36000 से 41000 क्यूसिक पानी हरियाणा से हर घंटे यमुना में छोड़ा जा रहा है. सरकारी एजेंसियों ने यमुना नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने को कहा है क्योंकि नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह ही 'चेतावनी' निशान को पार कर गया था. अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर सुबह 5 बजे चेतावनी के निशान के पार चला गया था. 

पहाड़ी इलाकों में बारिश का असर 

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में मूसलाधार बारिश का कहर लगातार जारी है. कुछ क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. अब इस पहाड़ी जल प्रलय का असर मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी अपने सामान्य बहाव को छोड़कर रौद्र रूप धारण करती दिख रही है. यमुना इस समय खतरे के निशान के पार बह रही है, जिससे दिल्लीवासियों की चिंता बढ़ गई है. गुरुवार को ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 204.79 मीटर मापा गया और यह लगातार बढ़ रहा है. अब जबकि पानी 205 मीटर तक पहुंच गया है तो यमुना के निचले रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा भी गहरा गया है. 

तबाही की कगार पर फसलें 

यमुना खादर क्षेत्र के निचले इलाके जैसे बुराड़ी, जगतपुर, वज़ीराबाद, सोनिया विहार पुस्ता, और उस्मानपुर जैसे इलाकों में लोग खेती करते हैं. साथ ही ये अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर रहते हैं. यमुना से जुड़े विभाग पहले ही इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर चुके हैं. अब बढ़ते जलस्तर को देखते हुए धीरे-धीरे जगह खाली करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं. इस हालात ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है क्योंकि उनकी फसलें एक बार फिर तबाही के कगार पर पहुंच गई हैं. किसान अपनी मेहनत की फसलें बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.

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