
खरीफ सीजन की सबसे खास फसल धान को माना जाता है. देश के कई राज्यों में इसकी खेती भी की जाती है. हालांकि धान की फसल को तैयार करना किसानों के लिए बड़ी चुनौती का काम रहता है. इन दिनों कई इलाकों में धान की फसल पर फिजी वायरस का कहर देखा जा रहा है जिससे धान के पौधे बढ़ नहीं पाते. फिजी वायरस के कारण किसानों की फसल का जो नुकसान हुआ है उसे लेकर करनाल में बड़ी संख्या में किसान और हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर किया जोरदार प्रदर्शन किया गया.
करनाल में किसानों ने सड़क पर उतर कर जबरदस्त प्रदर्शन किया. उसके बाद जिला सचिवालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में किसानों ने फिजी वायरस से खराब फसलों के लिए मुआवजा और धान की फसल की खरीद 15 सितंबर से मंडियों में होने समेत अन्य मांगों का जिक्र किया है.
किसान नेता अमृत बुग्गा ने कहा फिजी वायरस के कारण धान की फसल में जो पौधे है वो बोने रह गए हैं.जिसको लेकर किसानों को लगातार समस्या का सामना करना पड़ रहा है. आज तक सरकार द्वारा किसी एग्रीकल्चर विभाग द्वारा कोई भी जांच नही की गई. ऐसा धान की फसल में क्यो हो रहा है.
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अभी तक फिजी वायरस की कोई दवाई तक नही निकाली, फिजी वायरस के कारण किसानों को भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है. किसानों की मांग है कि उन्हें 60 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, और डॉक्टरों की एक टीम बनाकर इस वायरस का पता लगाकर इसकी दवाई बनाई जाए. ताकि किसान अपने नुकसान से बच सकें.
किसानों ने कहा कि सरकार किसानों से कहती है किसान पानी की बचत करें और कम समय मे पैदा होने वाली धान की फसल अपने खेतों में लगाएं. उसके बाद 15 सितंबर को हमारी फसल पक जाती है और मंडी में किसानों की फसल की खरीद 10 अक्टूबर को सरकार द्वारा की जाती है. सरकार से मांग है 15 सितंबर से धान की खरीदी शुरू कर दी जाए. प्रदर्शन करने पहुंचे किसान नेता सुखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार को चेताने के लिए आज हम प्रदर्शन करने आये हैं. सरकार किसानों की समस्या पर ध्यान दे. धान की खरीद इस बार 15 सितंबर से होनी चाहिए, दूसरा फिजी वायरस को लेकर किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. सरकार को किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने कहा इस बार किसानों को लाइनों में लगकर यूरिया लेना पड़ा है वे भी सिर्फ किसानों को 2-2 कट्टे दिए गए हैं.
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