उत्तराखंड के गन्ना विकासमंत्री सौरभ बहुगुणा को शनिवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौपा जिसमें चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के बकाया राशि को भुगतान करने के अलावा कृषि लोन माफ करने की मांग की गई है. साथ ही सहकारी संस्थाओं में उर्वरकों की समुचित मात्रा उपलब्ध कराने की भी मांग की गई है. दरअसल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने दिये गए ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2020 से पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है. इस महामारी से देश भी अछूता नहीं रहा. कोविड को ध्यान में रखते हुए लगाये गए लॉकडाउन के कारण राज्य के किसान अपनी पकी फसलों को समय पर नहीं काट पाये और जिन फसलों की कटाई हो भी चुकी थी उन्हें मंडी तक भी नहीं पहुंचा पाये जिस वजह से किसानों को इन दो वर्षों में भारी आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है. साथ ही राज्य के किसान बैंकों के कर्ज के बोझ से दबा हुए हैं और कई किसान राज्य में आत्महत्या तक करने को मजबूर हुए हैं.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से यह भी कहा कि गन्ने की नई फसल तैयार हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों की फसलों को मनमाने दामों पर खरीद कर उनका शोषण किया जा रहा है.
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राज्य के गन्ना किसानों का पिछला भुगतान भी अभी तक नहीं हो पाया है और दो माह के बाद भी किसानों को उनकी फसलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, अकेले इकबालपुर चीनी मिल का 150 करोड़ बकाया है, जिससे राज्य के किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है.
राज्य के किसानों द्वारा कृषि लोन माफ किये जाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है. वही भाजपा ने 2017 तथा 2022 के विधानसभा चुनावों में किसानों से लोन माफ करने का वादा भी किया था. सहकारी संस्थाओं में उर्वरकों की भी कमी महसूस की जा रही है और किसानों को आगामी फसलों के लिए उर्वरक नहीं मिल पा रहे हैं.
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2020-21 में कोरोना महामारी की वजह से किसानों के सामने उत्पन्न परिस्थितयों के कारण सभी किसानों के लोन माफ करना जरूर हो गए हैं. ऐसे में किसानों के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने के साथ ही सभी किसानों द्वारा लिए गये कृषि लोन माफ किये जाने चाहिए और सहकारी संस्थाओं में उर्वरकों की समुचित मात्रा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
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