पशुओं द्वारा फसल नुकसान पर इस राज्य के किसानों को मिला ₹2,17,500 का मुआवजा

पशुओं द्वारा फसल नुकसान पर इस राज्य के किसानों को मिला ₹2,17,500 का मुआवजा

खेती करने वाले किसानों को फसल की सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता रहती है. किसानों के सामने आवारा मवेशी भी एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. अब असम में किसानों के फसल पर पशुओं द्वारा हुए नुकसान का मुआवजा दिया गया है.

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पशुओं द्वारा फसल नुकसान पर इस राज्य के किसानों को मिला ₹2,17,500 का मुआवजाcrops damage

खेती करने वाले किसानों के सामने हमेशा से कई तरह की चुनौतियां रही हैं. कभी समय पर खाद की किल्लत तो कई बार बेमौसम बारिश से आफत हो जाती है. कई बार सूखे की मार झेलनी पड़ती है तो कभी आवारा और जंगली पशुओं से फसल की सुरक्षा का बड़ा खतरा रहता है. अब असम के किसानों को जंगली पशुओं द्वारा फसल नष्ट किए जाने पर वन विभाग की ओर से मुआवजा दिया गया है जिससे किसानों को इस नुकसान से बड़ी राहत मिली है. 

29 किसानों को मिला मुआवजा

असम राज्य के पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य के रेंजर प्रांजल बरुआ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग ने 2024-25 के लिए अभयारण्य में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को हुए नुकसान के लिए पोबितोरा से सटे मोरीगांव जिले के मायोंग के 29 किसानों को कुल 2,17,500 रुपये का मुआवजा दिया है. उन्होंने आगे बताया कि मायोंग इलाके के किसानों ने इस साल रेंज वन कार्यालय में मुआवजे के लिए आवेदन किया था और उनके अनुरोध के आधार पर वन विभाग ने नुकसान उठाने वाले 29 किसान को नुकसान के लिए 7,500-7,500 रुपये जारी किए हैं. 

नुकसान कम करने की कोशिश में वन विभाग

रेंजर प्रांजल बरुआ ने बताया कि पिछले फसल सीजन में मक्का, चावल और सरसों को मुख्य रूप से गैंडे, भैंस और जंगली सूअर जैसे जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया था. जिसमें सबसे अधिक नुकसान राजा मायोंग क्षेत्र के किसानों को हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य की समर्पित टीम आवारा जानवरों के प्रभाव को कम करने के लिए अथक प्रयास कर रही है और विभागीय हाथियों और आस-पास के गांवों में स्थापित 13 नए एंटी डेप्रडैशन दस्तों की सहायता से उन्हें सफलतापूर्वक उनके प्राकृतिक आवास में वापस भेज रही है. 

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उन्होंने कहा कि जरूरी संसाधनों से लैस ये एंटी डेप्रडैशन दस्ते जागरूकता बढ़ाने और कम वर्षा वाले मौसम में अभयारण्य से बाहर जाने वाले वन्यजीवों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने में मददगार हैं. इनकी सक्रियता से न केवल जानवरों की सुरक्षा होती है, बल्कि जो किसान साल भर अपनी आजीविका के लिए केवल खेती पर निर्भर रहते हैं उन्हें भी आवश्यक राहत देता है. 

आपको बता दें कि किसानों के फसल की सुरक्षा को लेकर कई राज्य सरकारें भी आवार मवेशियों की रोकथाम के लिए तारबंदी पर सब्सिडी सहित कई अन्य योजनाएं चला रही हैं जिससे खेती पर निर्भर रहने वाले किसानी की आर्थिक सुरक्षा हो सके. अब असम में वन विभाग की ओर से दिया गया मुआवजा किसानों के लिए काफी हद तक मददगार है. (Input: PTI)

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