किसानों को फिर से धोखा देने का आरोप, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने साधा निशाना

किसानों को फिर से धोखा देने का आरोप, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने साधा निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पर किसानों से विश्वासघात का आरोप लगाया है. उन्होंने 'रायथु भरोसा' योजना की समाप्ति, वादाखिलाफी और किसानों की आत्महत्याओं को लेकर मौजूदा सरकार को घेरा.

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किसानों को फिर से धोखा देने का आरोप, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने साधा निशानाकिसानों के साथ धोखा का आरोप

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मौजूदा मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सत्ता में लौटने के बाद नायडू ने एक बार फिर किसानों के साथ विश्वासघात किया है और 'रायथु भरोसा' योजना को खत्म कर दिया है.

चुनाव से पहले वादे, बाद में धोखा

जगन रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू का पुराना तरीका है, चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करना, नकली गारंटी बॉन्ड बांटना और सत्ता में आते ही सब भूल जाना. उन्होंने "सुपर-6" और "सुपर-7" योजनाओं को भी असफल बताया, जिन्हें लेकर बहुत प्रचार किया गया था लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ.

हमारी सरकार ने किया वादा पूरा

जगन रेड्डी ने याद दिलाया कि 2019 में जब उनकी सरकार बनी थी, तब खजाना खाली था. इसके बावजूद उनकी सरकार ने सिर्फ चार महीनों में 'रायथु भरोसा' योजना शुरू की और लगातार पांच साल तक बिना रुकावट इसे लागू किया. उन्होंने बताया कि हर किसान को सालाना ₹13,500 दिए गए, जबकि चुनावी वादे में ₹12,500 का ही जिक्र था. कुल ₹34,288 करोड़ की सहायता किसानों को दी गई.

वादा 20,000 का मिला सिर्फ 5,000

जगन ने बताया कि नायडू ने 'अन्नदाता सुखीभव' योजना के तहत हर किसान को सालाना ₹20,000 देने का वादा किया था (केंद्र की 6,000 सहायता को छोड़कर). दो साल में किसानों को 40,000 मिलना था, लेकिन अब तक केवल 5,000 ही मिले हैं. वह भी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने किसानों को वास्तव में यह राशि मिली.

खेती के लिए मदद नहीं, कर्ज में डूबे किसान

खेती के सीजन में भी सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है, जिससे किसान निजी कर्ज और सूदखोरों की ओर जाने को मजबूर हो रहे हैं. जगन ने आरोप लगाया कि करीब 7 लाख किसानों को जानबूझकर योजना से बाहर कर दिया गया है.

जरूरी योजनाएं बंद, किसानों की अनदेखी

वाईएसआरसीपी प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि नायडू सरकार ने 'प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड', 'ज़ीरो इंटरेस्ट लोन', मुफ्त फसल बीमा जैसी योजनाएं बंद कर दी हैं. इसके साथ ही आरबीके केंद्र, ई-क्रॉप रजिस्ट्रेशन और सॉयल टेस्टिंग लैब जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं भी कमजोर कर दी गई हैं.

किसानों की आत्महत्याएं और सरकार की बेरुखी

जगन रेड्डी ने कहा कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के चलते अब तक 250 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इन परिवारों को कोई सहायता नहीं दी गई, जिससे सरकार की क्रूरता और संवेदनहीनता उजागर होती है.

वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू सरकार को किसान विरोधी बताया और कहा कि उनकी सरकार ने जो योजनाएं शुरू की थीं, उन्हें खत्म कर दिया गया है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सच्चाई को समझें और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाएं.

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