रामगढ़ जिले के एनएच-33 किनारे स्थित प्रसिद्ध रोबिन होटल परिसर से दूध की कालाबाजारी का बड़ा मामला सामने आया है. जिला खाद्य आपूर्ति विभाग की त्वरित कार्रवाई से एक गंभीर साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें दूध के नाम पर पानी मिलाकर भेजा जा रहा था.
जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी दीप श्री को गुप्त रूप से सूचना मिली थी कि रोबिन होटल परिसर में एक दूध टैंकर से असली दूध निकालकर उसमें पानी मिलाया जा रहा है. सूचना मिलते ही उन्होंने अपनी टीम के साथ मौके पर छापा मारा और टैंकर को रंगे हाथ पकड़ लिया.
जांच में पाया गया कि टैंकर की कुल क्षमता 30 हजार लीटर थी. इसमें से पहले 10 हजार लीटर शुद्ध दूध निकाल लिया गया था, जिसे एक पिकअप वाहन में लोड किया जा रहा था. इसी दौरान टैंकर में 10 हजार लीटर पानी मिलाया जा रहा था, ताकि मिलावटी दूध को उत्तर प्रदेश भेजा जा सके.
जांच में यह भी सामने आया कि टैंकर (वाहन संख्या PB11CM-3311) की सील को ड्राइवर और खलासी ने तोड़ दिया था. इसके बाद दूध निकाला गया और फिर पानी टैंकर में भर दिया गया. यह सब काम होटल परिसर के अंदर चोरी-छिपे किया जा रहा था.
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी दीप श्री ने बताया कि इस मिलावट में होटल मालिक की भी संलिप्तता पाई गई है. आरोप है कि होटल मालिक प्रति लीटर ₹20 के हिसाब से पानी को दूध की तरह बेचने का खेल कर रहा था. मौके पर पानी से भरे ड्रम, पिकअप वाहन और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं.
जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, ड्राइवर और खलासी मौके से फरार हो गए. हालांकि, विभाग की टीम ने टैंकर को जब्त कर लिया और मिलावटी दूध का रिकॉर्ड तैयार किया गया है. इस मामले में रामगढ़ थाना में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.
खाद्य आपूर्ति विभाग इस पूरे मामले में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. विभाग ने होटल परिसर से सीसीटीवी फुटेज, टैंकर और ड्रम सहित अन्य साक्ष्य जब्त कर लिए हैं.
जिला प्रशासन ने इसे बहुत गंभीर मामला माना है और सभी दूध व्यापारियों व टैंकर मालिकों को चेतावनी दी है. अब रामगढ़ जिले में दूध व्यवसाय पर अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी. विशेष टीम बनाकर दूध के नमूनों की नियमित जांच की जाएगी.
दूध जैसी आवश्यक खाद्य सामग्री में इस तरह की मिलावट उपभोक्ताओं की सेहत के लिए बहुत खतरनाक है. इस मामले ने पूरे सप्लाई चेन की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. लेकिन, खाद्य आपूर्ति विभाग की तत्पर कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि अब खाद्य सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today