दलहन किसानों को फायदा देने के लिए सरकार ने उठाया कदम, पीले मटर के आयात को अभी नहीं मिलेगी अनुमति!

दलहन किसानों को फायदा देने के लिए सरकार ने उठाया कदम, पीले मटर के आयात को अभी नहीं मिलेगी अनुमति!

केंद्र सरकार ने पीले मटर के आयात पर सशर्त प्रतिबंध लगा रखा है. वहीं, चने की रिकॉर्ड फसल उत्पादन को देखते हुए भारत सरकार द्वारा पीले मटर के आयात की अनुमति देने की संभावना नहीं है. इसके अलावा, इस वर्ष चने का उत्पादन पिछले वर्ष के 13.54 मिलियन टन से बढ़कर 13.63 मिलियन टन होने का अनुमान है.

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दलहन किसानों को फायदा देने के लिए सरकार ने उठाया कदम, पीले मटर के आयात को अभी नहीं मिलेगी अनुमति!पीले मटर के आयात को अभी नहीं मिलेगी अनुमति!, सांकेतिक तस्वीर

केंद्र सरकार ने पीले मटर के आयात पर सशर्त प्रतिबंध लगा रखा है. देश में सरकार के बिना अनुमति के पीले मटर का आयात नहीं किया जा सकता है. वहीं कथित तौर पर व्यापार निकाय के दबाव में अपने शिपमेंट की अनुमति देने के बावजूद, चने की रिकॉर्ड फसल उत्पादन को देखते हुए भारत सरकार द्वारा पीले मटर के आयात की अनुमति देने की संभावना नहीं है. दरअसल, केंद्र द्वारा आयात की अनुमति नहीं देने का मुख्य कारण यह है कि इस वर्ष चने का उत्पादन पिछले वर्ष के 13.54 मिलियन टन से बढ़कर 13.63 मिलियन टन होने का अनुमान है.

बाजारों में चने की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के स्तर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रही हैं. वहीं, कीमतों को और नीचे गिरने से रोकने के लिए केंद्र को नाफेड के माध्यम से दलहन फसल की खरीद करनी पड़ रही है.

मटर के आयात से चने पर पड़ेगा दबाव 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि पीली मटर के आयात की अनुमति देने से चना की कीमत पर और दबाव पड़ेगा और यह कुछ ऐसा है जो सरकार नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार को सुझाव है कि फिलहाल पीली मटर के आयात की अनुमति नहीं दी जाए.

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वर्तमान में चना की कीमतें

वर्तमान में चना की कीमतें 4,700-4,800 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रही हैं. वहीं वर्तमान में एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत केंद्र सरकार के द्वारा हस्तक्षेप जारी है और नाफेड के माध्यम से 20 अप्रैल तक लगभग 11.68 लाख टन (लीटर) चने की खरीद हो चुकी है. चना की थोक खरीद महाराष्ट्र (4.93 लाख टन), मध्य प्रदेश (2.67 लाख टन) और गुजरात (2.23 लाख टन) की गई है. हालांकि, राजस्थान में खरीद की गति धीमी है, जहां खरीद महज 10,839 टन है. कर्नाटक में 68,268 टन, आंध्र प्रदेश में 53,623 टन और तेलंगाना में 50,238 टन चना खरीदा गया है.

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इंडिया पल्स एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के अध्यक्ष बिमल कोठारी ने कहा कि व्यापार निकाय केंद्र से पिछले कुछ समय से पीली मटर के आयात की अनुमति देने का आग्रह कर रहा है. आखिरी बार पिछले साल जून-जुलाई में किया गया था, इस शर्त के साथ की पीली मटर की उतराई कीमत चने के एमएसपी मूल्य से कम नहीं होनी चाहिए. इस तरह के कदम से किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा. फिलहाल पीली मटर का आयात प्रतिबंधित श्रेणी में है.

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