कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अपील की है. उन्होंने कहा है कि राज्य के किसानों को राहत देने के लिए 1.65 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति जल्द से जल्द की जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में उर्वरक की भारी कमी के चलते किसानों में बेचैनी बढ़ रही है. सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर उससे मदद मांगी है. यह चिट्ठी उन्होंने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को लिखी है.
उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा को लिखे एक पत्र में सिद्धारमैया ने कहा है कि चालू खरीफ सीजन के लिए केंद्र ने कर्नाटक को 11.17 लाख टन यूरिया आवंटित किया है. लेकिन जुलाई तक केवल 5.16 लाख टन ही हासिल है. जबकि इस अवधि के लिए राज्य की आवश्यकता 6.8 लाख टन है. मुख्यमंत्री ने लिखा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें कि 1,65,541 मीट्रिक टन यूरिया की बची हुई सप्लाई भी जल्द सुनिश्चित की जाए ताकि हमारे किसानों के हितों की रक्षा हो सके.'
सिद्धारमैया ने यह चिट्ठी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी शेयर की है. सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि कुछ उर्वरक कंपनियों ने भारत सरकार द्वारा तय किए गए कोटे के अनुसार यूरिया आपूर्ति करने में असमर्थता जताई है. इसके अलावा, तुंगभद्रा, कावेरी और कृष्णा नदी घाटियों के कमांड एरिया में समय से पहले मॉनसून और बढ़ी हुई बुआई के चलते मांग में काफी इजाफा हुआ है. उनके अनुसार मक्का जैसी उर्वरक-प्रधान फसल का क्षेत्रफल दो लाख हेक्टेयर तक बढ़ा है, जबकि दालों का रकबा घटा है. करीब 13,000 हेक्टेयर में पूर्व-खरीफ बुआई दोबारा करनी पड़ी है.
मुख्यमंत्री के मुताबिक, यूरिया की कमी से किसानों में नाराजगी बढ़ रही है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए उर्वरक विभाग ने कहा कि उसने अब तक कर्नाटक को 8.73 लाख मीट्रिक टन यूरिया की समय पर और पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित की है. सरकार का कहना है कि यह 2025 के लिए तय 6.30 लाख टन की जरूरत से काफी ज्यादा है.
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