उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य का बिजली ढांचा अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह जनता के विश्वास और सरकार की जवाबदेही का एक प्रमुख संकेत है. बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान, आदित्यनाथ ने ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और बिजली कटौती के खिलाफ चेतावनी दी. CM ने तत्काल सुधार के निर्देश देते हुए कहा कि हर प्रकार की लापरवाही का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए. बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफार्मर और तारों तक सीमित नहीं है, यह जनता के विश्वास का मामला है.
सरकार ने एक बयान में कहा कि जून 2025 में, उत्तर प्रदेश ने 31,486 मेगावाट की रिकॉर्ड अधिकतम बिजली मांग को पूरा किया है और 16,930 मिलियन यूनिट की आपूर्ति की है. बढ़ते तापमान और आर्द्रता के बावजूद, निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई गई है. जो शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे, तहसीलों में 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई है.
CM योगी ने सभी बिजली फीडरों का व्यापक तकनीकी ऑडिट करने का आदेश दिया और अधिकारियों को कमजोरियों की पहचान कर उन्हें बिना किसी देरी के ठीक करने के निर्देश दिए. उन्होंने जहां भी ओवरलोडिंग हो रही है, वहां ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय पर और प्रभावी ढंग से समाधान करने के महत्व पर ज़ोर दिया.
उन्होंने कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है. बिजली उत्पादन और वितरण को मज़बूत करने के लिए रिकॉर्ड तोड़ बजट आवंटित किया गया है. सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों के साथ समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए. बिलिंग में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए, CM योगी ने कहा कि बढ़े हुए या गलत बिजली बिल अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि हर उपभोक्ता को समय पर एक स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए. बिलिंग में गलतियां जनता के विश्वास को कम करती हैं और विभाग की विश्वसनीयता को धूमिल करती हैं.
अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 31 लाख से ज़्यादा उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा चुका है और ब्लॉक स्तर पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने तकनीकी और वाणिज्यिक (लाइन) हानियों को चरणबद्ध तरीके से कम करने का भी निर्देश दिया और प्रत्येक डिस्कॉम से इनसे निपटने के लिए एक केंद्रित रणनीति तैयार करने का आह्वान किया.
बिजली उत्पादन के मोर्चे पर अधिकारियों ने बताया कि UP की वर्तमान स्थापित क्षमता तापीय, जलविद्युत, नवीकरणीय और केंद्र समर्थित परियोजनाओं को मिलाकर 11,595 मेगावाट है. घाटमपुर और मेजा जैसी आगामी इकाइयों के साथ, दो वर्षों में क्षमता बढ़कर 16,000 मेगावाट होने की उम्मीद है. नवीकरणीय ऊर्जा भी 100 मेगावाट के आंकड़े को पार करने वाली है. CM योगी ने इन परियोजनाओं की निरंतर निगरानी और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
कृषि पर ध्यान केंद्रित करते हुए CM योगी ने कृषि फीडरों को तेज़ी से अलग करने का आह्वान किया. साथ ही निर्देश दिया कि सभी कृषि नलकूपों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को दीर्घकालीन राहत मिलेगी और पारंपरिक बिजली पर निर्भरता कम होगी. बैठक का समापन करते हुए सीएम योगी ने अधिकारियों को याद दिलाया कि यह सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है कि हर नागरिक तक बिजली पारदर्शी, शीघ्र और बिना किसी भेदभाव के पहुंचे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today