अब बिहार में भी दूध महंगा हो गया है. यहां के दूध के फेडरेशन कॉम्फेड ने दूध के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. नई कीमतें 24 अप्रैल से प्रभावी होंगी. कॉम्फेड बिहार में सुधा नाम से दूध की सप्लाई करता है जिसका बहुत बड़ा बाजार है. पहले से ही महंगाई का सामना कर रहे लोगों को अब बिहार में कॉम्फेड ने ताजा झटका दिया है. बिहार में सुधा दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया गया है. कॉम्फेड ने आगामी 24 अप्रैल से सुधा दूध की नई दरें लागू करने का फैसला किया है. इसके लिए बजाप्ता रेट चार्ट भी जारी कर दिया गया है. सभी तरह की दूधों में दो से लेकर तीन रुपये तक की वृद्धि की गई है. अभी सुधा का फुल क्रीम दूध 59 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है जो 24 अप्रैल से बढ़कर 62 रुपये हो जाएगा.
अभी हाल के दिनों में गुजरात से लेकर दिल्ली-एनसीआर में अमूल के दूध के दाम में इजाफा हुआ है. इसी तरह दिल्ली एनसीआर का प्रमुख फेडरेशन मदर डेयरी भी दूध के दाम बढ़ा चुकी है. अमूल और मदर डेयरी के दूध 66 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं. इसी कड़ी में बिहार के कॉम्फेड ने भी दाम बढ़ाने की घोषणा की है.
24 अप्रैल से सुधा दूध की बढ़ी हुई नई दरें लागू हो जाएंगी. अलग-अलग कैटेगरी के दूध की कीमत बढ़ाई गई हैं. कॉम्फेड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सुधा डेयरी का दूध 24 अप्रैल से दो से तीन रुपये प्रति लीटर महंगा हो जाएगा. कॉम्फेड यानी बिहार राज्य दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड ने कीमतें बढ़ाए जाने के पीछे दूध उत्पादन करने वालों को भुगतान बढ़ाए जाने का तर्क दिया है. कॉम्फेड के मुताबिक सुधा फुल क्रीम दूध की कीमत अब 59 की जगह 62 रुपये होगी. इसी तरह टोन्ड मिल्क की कीमत 49 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी. सुधा कॉउ मिल्क अब 52 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर मिलेगा.
कॉम्फेड ने कहा है कि 24 अप्रैल से सुधा दूध के दाम बढ़ जाएंगे. कॉम्फेड के मुताबिक, फुल क्रीम दूध की कीमत अब 59 रुपये के बजाय 62 रुपये का होगा. इस तरह एक लीटर दूध के दाम में तीन रुपये की वृद्धि की गई है. कॉम्फेड ने फुल क्रीम के अलावा बाकी दूध के दाम भी बढ़ाए हैं. टोन्ड मिल्क की कीमत अब 49 रुपये होगी जबकि सुधा गाय का दूध 52 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकेगा.
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कॉम्फेड की पिछली बढ़ोतरी पर नजर डालें तो बीते छह महीने के अंदर सभी तरह के दूध में दो से तीन रुपये का इजाफा किया गया है. फेडरेशन का कहना है कि दूध किसानों और डेयरी किसानों को ज्यादा पैसे देने के लिए दूध के दाम में बढ़ोतरी की गई है. दूध का पैसा अधिक से अधिक किसानों को जाएगा जिसके लिए दाम में इजाफा किया जा रहा है.
कॉम्फेड ने दूर की कीमतों में इजाफा किए जाने के पीछे चाहे जो भी वजह बताई हो लेकिन हकीकत यह है कि छह महीने के अंदर ही दूसरी दफा सुधा दूध की कीमतों में इजाफा किया जा रहा है. बीते साल अक्टूबर महीने में ही कॉम्फेड ने सुधा दूध की कीमतों में इजाफा किया था. आठ अक्टूबर को इससे जुड़ा आदेश जारी किया गया था और 10 अक्टूबर से नई दरें लागू की गई थीं. अब एक बार फिर सुधा दूध की कीमतों में वृद्धि की गई है. अगर बीते कुछ सालों की बात करें तो लगातार सुधा दूध की कीमतों में वृद्धि की गई है और लोगों को महंगे दूध की मार झेलनी पड़ी है.
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इसी तरह की बढ़ोतरी देश के बाकी मिल्क फेडरेशन भी कर रहे हैं जिनमें अमूल और मदर डेयरी भी शामिल हैं. पिछले महीने भी इन सहकारी संगठनों ने दूध के दाम में वृद्धि की थी. फेडरेशन का तर्क है कि हाल के दिनों में चारे और दाने के दाम बढ़े हैं जिसका दबाव दूध किसानों पर देखा जा रहा है. इस दबाव को कम करने और किसानों को अधिक दाम देने के लिए दूध के दाम में वृद्धि की जा रही है. अब इस बढ़ोतरी में नया नाम बिहार के कॉम्फेड का भी जुड़ गया है.
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