मुजफ्फरपुर के डीएम ऑफिस में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक बुजुर्ग किसान पेट्रोल की बोतल लेकर आत्मदाह करने पहुंच गया. किसान श्याम बिहारी सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है और शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. डीएम के बॉडीगार्ड ने तत्परता दिखाते हुए पेट्रोल से भरी बॉटल छीनकर आत्मदाह की कोशिश को नाकाम कर दिया. किसान श्याम बिहारी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी जूझ रहे हैं. वे प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलने पर पेट्रोल की बोतल हाथ में लिए शिकायत की कॉपी जेब में और आंखों में आंसू लिए डीएम कार्यालय पहुंचे और न्याय की मांग की.
श्याम बिहारी का कहना है कि मुशहरी अंचल के उनके पुश्तैनी ज़मीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर रखा है. करीब दो लाख रुपये की लीची भी जबरन तोड़ ली. उन्होंने 2016 में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से लेकर अपर समाहर्ता तक शिकायतें कीं, लेकिन आदेशों के बावजूद आज तक न तो जमाबंदी रद्द हुई, न ही जमीन मुक्त कराई गई.
उनका आरोप है कि तत्कालीन अंचलाधिकारी और राजस्वकर्मी भू-माफियाओं से मिले हुए हैं और उनके पास बीमार अवस्था में अब आत्मदाह के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा. वहीं मामले को लेकर एसडीएम पूर्वी अमित कुमार ने बताया कि पीड़ित से हमारी बातचीत हुई है. अभी तक अपनी समस्या को लेकर हमारे पास नहीं आए हुए थे, उन से बातचीत कर उनकी समस्या को समझा है. मामले को लेकर अंचलाधिकारी को जांच के दिशा-निर्देश दिए हैं. जांच के बाद नियमानुसार आगे की करवाई की जाएगी.
वहीं, बिहार में इस समय राजनीतिक माहौल गरम है. इस बीच, प्रदेश के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने दरभंगा में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, ''देखिए चुनाव का बहिष्कार कौन लोग करता है, नक्सली लोग करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्बन नक्सल की बात कही थी. यही अर्बन नक्सली हैं, ये लोग. नक्सली ही चुनाव से भागता है. तेजस्वी यादव का हारना भी तय है क्योंकि एनडीए की सरकार ने विकास का इतना काम किया है कि इन लोगों के लिए अब जगह नहीं है. इनका हारना तय है तो ये लोग नक्सली की भूमिका में क्यों आ गए है?''
मंत्री ने आगे कहा, ''जब ये लोग विपक्ष में रहते हैं तो चुनाव से भागते हैं. नक्सली की भूमिका में आ जाते हैं, और जब सत्ता में रहते हैं तो लुटेरे की भूमिका में आ जाते है. बिहार के खजाने को लूटने का काम करते हैं, कैसे भ्रष्टाचार कर सत्ता के संरक्षण में अपराध और बिहार लूटने का काम करते हैं. चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण काम किया, इससे ये लोग घबराए हैं, इनकी हार तय है. ऐसे में ये लोग नक्सली की भूमिका निभा रहे हैं. चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं, ये लोग चुनाव में हार की वजह से घबरा गए हैं, राजद के आंतरिक सर्वे में भी पराजय ही आया है.''
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