गन्ने का मूल्य बढ़वाने की लड़ाई अब यूपी में भी शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से हुई है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गन्ने के मूल्य समेत कई और मांगों को लेकर धरना शुरू कर दिया है. उनका आरोप है कि पेरई का आधा सीजन बीत चुका है, लेकिन अभी तक यूपी सरकार ने गन्ने के बढ़े हुए दाम का ऐलान नहीं किया है. सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी की जा रही है. किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएंगी किसान यहीं रहेंगे और यहीं खाएंगे.
राकेश टिकैत ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पुरकाजी में गाय सेंचुरी बनाने की घोषणा की है. सेंचुरी के लिए 800 बीघा के करीब जमीन ली जा रही है. इसमे से बड़ी संख्या में किसानों की जमीन लेकर उन्हें बेघर करने काम भी किया जा रहा है. किसानों के वोट लेकर आज सरकार उन्हीं को ठगने का काम कर रही है. मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में यह धरना चल रहा है.
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किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी और केन्द्र की सरकार यह न समझें कि किसान कमजोर है और वो अपने हक की लड़ाई भी नहीं लड़ सकता है. अगर सरकार को यह गलतफहमी हो रही है कि किसान मजबूर और कमजोर है तो वो इसे दूर कर ले. पहले तो बीजेपी ने किसानों को फ्री बिजली, गन्ना के भाव बढ़ाने और रुके हुए बिजली के बिल आधे माफ करने का लॉलीपॉप देकर सत्ता हासिल कर ली. किसान अगर सरकार बनाना जानते हैं, तो उसे उखाड़ना भी जानते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार हंसी-खुशी किसानों को उनका हक दे दे, नहीं तो किसान हर तरह के कदम उठाकर अपना हक लेकर रहेगा.
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मंच पर बताया गया कि भाकियू की और से धरने वाले मैदान पर ही बड़ी-बड़ी भट्टियां लगाई गई हैं. रात में रुकने के लिए तम्बू बनाने गए हैं. जो किसान धरने में हिस्सा लेने के लिए बाहर से आ रहे हैं उनके ठहरने के लिए ही तम्बू बनाने जा रहे हैं. खाना भी बनाया जा रहा है. अगर सरकार किसानों की मांग मान लेती है तो धरना आज ही खत्म हो जाएगा. नहीं तो यह धरना गाजीपुर जैसा लम्बा चलेगा.
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