हमारे देश का बड़ा वर्ग किसान है. देशभर में कहीं भी चुनाव हो वहां किसानों की आर्थिक स्थिति एक बड़ा मुद्दा साबित होती है. सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं तो कई बार उनके लिए खास घोषणाएं भी की जाती हैं. अब एक बार आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मौजूदा सरकार और सीएम नारा चंद्रबाबू नायडू पर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने रायथु भरोसा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम नायडू किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं कर रहे हैं.
जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले सीएम नायडू के आश्वासन खोखले साबित हुए हैं. वे लगातार अपने वादों से मुकर रहे हैं. रेड्डी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया कि "रायथु भरोसा योजना" भरोसा को खत्म करके और अपने चुनावी वादों से मुकरकर नायडू एक बार फिर किसानों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं. रेड्डी ने दावा किया कि पिछली YSRCP सरकार ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादे से ज्यादा सभी किसानों को सालाना 13,500 रुपये दिए थे और खाली खजाने के बावजूद भी 34,288 करोड़ रुपये की निवेश सहायता वितरित की थी.
रेड्डी ने आगे लिखा कि नायडू ने अन्नदाता सुखीभव-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत सालाना 20,000 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन केंद्र का 6,000 रुपये का योगदान छोड़करअब तक दो वर्षों में केवल 5,000 रुपये का ही भुगतान किया है.
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उन्होंने आगे आरोप लगाया कि लगभग सात लाख पात्र किसानों को मनमानी शर्तों के तहत बाहर कर दिया गया. खरीफ सीजन दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा है, इसके बावजूद एक भी रुपया जारी नहीं किया गया, जिससे किसान कथित तौर पर निजी कर्ज में डूब गए हैं.
रेड्डी ने Price Stabilization Fund, शून्य-ब्याज ऋण और मुफ्त फसल बीमा को खत्म करने के लिए NDA गठबंधन सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने सरकार पर ऋतु भरोसा केंद्र (आरबीके), ई-फसल पंजीकरण और मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं जैसी संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया. सरकारी मदद में निष्क्रियता और कमी के चलते 250 से अधिक किसानों की आत्महत्या का भी जिक्र किया है. रेड्डी ने आरोप लगाया कि प्रभावित परिवारों को बुनियादी राहत भी नहीं दी गई है. उन्होंने प्रशासन पर अमानवीयता और सहानुभूति की कमी दिखाने का आरोप लगाया है. (Input: PTI)
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