अंडे और आम जनता की सेहत का ख्याल रखते हुए यूपी सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है. आदेश पशुधन विभाग की ओर से आया है. यूपी में अब एक शहर से दूसरे शहर और बाहरी राज्यों से यूपी में अंडा लाने पर यह नियम लागू होगा. नियम के तहत अंडों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए एसी गाड़ी का इस्तेमाल करना होगा. सरकार का यह नियम 150 किमी पर लागू होगा. 15 अप्रैल से इस नियम को लागू कर दिया गया है. इस नियम को पोल्ट्री संचालकों के हक में माना जा रहा है. वहीं अंडे की ट्रेडिंग करने वाले दबी जुबान से इसका विरोध कर रहे हैं.
अंडे को ट्रांसपोर्ट करने का नया नियम यह है कि अगर अंडे से लदी गाड़ी 150 से ज्यादा कहीं जा रही है तो वो एसी गाड़ी होनी चाहिए. जानकारों का कहना है कि यूपी के बाहर से जितनी गाड़ी आती हैं तो वो 200 किमी दूर से ही आती हैं. इतना ही नहीं यूपी के अंदर भी अगर आगरा से लखनऊ तक अंडे की गाड़ी जा रही है तो वो एसी होनी चाहिए.
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यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने किसान तक को बताया कि एसी गाड़ी से अंडा ट्रांसपोर्ट करने पर ज्यादा से ज्यादा 15 से 20 पैसे का अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा. लेकिन अंडा खाने वालों की सेहत को देखते हुए यह कुछ भी नहीं है. अभी होता यह है कि जिस राज्य में अंडा सस्ता होता है तो यूपी के ट्रेडर्स वहां से अंडा मंगा लेते हैं. ऐसे में 200 से 500 किमी दूर हैदराबाद तक से अंडा यूपी में आता है.
बाहर से आने वाला अंडा गर्मी के मौसम में बहुत नुकसानदायक रहता है. क्योंकि दूसरी जगह से भी अंडा कोई ताजी नहीं चलता है. एक-दो या तीन दिन तक का रखा हुआ अंडा यूपी के लिए निकलता है. फिर रास्ते में 25 से 30 घंटे तक लग जाते हैं. जिसके चलते गर्मी में अंडे की जर्दी पिघलकर सफेदी में मिल जाती है.
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एसी गाड़ी में आने से यूपी के लोगों को सेहतमंद अंडा खाने को मिलेगा. वहीं अगर रेट की बात करें तो ट्रेडर्स जब यूपी के बाहर से अंडा मंगाते हैं तो यूपी के पोल्ट्री संचालक के अंडे का दाम गिर जाता है. उसे अंडे की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है. अब एसी गाड़ी का नियम आने से इस पर काफी हद तक लगाम लगेगी. इसके चलते ट्रेडर्स बाहर का अंडा यूपी में ज्यादा सस्ता नहीं बेच पाएंगे.
पोल्ट्री संचालक मनीष शर्मा का कहना है कि यूपी को सर्दी के सीजन में हर रोज करीब 5 से 5.5 करोड़ अंडा चाहिए. अगर ऑफ सीजन की बात करें तो डिमांड घटकर 3 से 3.5 करोड़ पर आ जाती है. जबकि यूपी में अंडा उत्पादन की बात करें तो 1.50 करोड़ से लेकर 1.70 करोड़ तक ही होता है.
हालांकि बीच-बीच में अंडे का उत्पादन 2 करोड़ तक भी पहुंच जाता है. लेकिन इसके पीछे वजह यह है कि नए-नए पोल्ट्री फार्मर बाजार में आते हैं, एक-दो सीजन काम करने के बाद घाटा होने पर बंद करके चले जाते हैं. ऐसे में जब अंडे की कमी होती है तो ट्रेडर्स बरवाला, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश, चैन्नई और बंगाल आदि से अंडा मंगाकर डिमांड को पूरा करते हैं.
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