खाद मांगने पर मिली गालीउत्तर प्रदेश में खाद की किल्लत और कालाबाजारी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ खाद की तय रेट से अधिक कीमत वसूलने को लेकर जहां सीएम योगी खाद विक्रेताओं के विरुद्ध रासुका लगाने की बात कर खाद की समस्या से जूझ रहे किसानों के जख्म पर मरहम लगाने की बात कर रहे हैं. वहीं, यूपी के इंडो नेपाल बॉर्डर के इलाके के किसान खाद की समस्या से लगातार जूझ रहे हैं. बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध न होने से सन्नाटा पसरा है, जिसके चलते किसानों को मायूसी का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं, हालत यह हो गई है कि किसान को सहकारी समितियों के उप केंद्रों से खाद की जगह गाली गलौज का सामना करना पड़ रहा है.
ताजा मामला बहराइच जिले के संचालित बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति रायबोझा के उपकेंद्र शंकरपुर थाना रुपईडीहा का है, जहां किसानों को बिक्री की जाने वाली यूरिया खाद लेने गए बस्ती गांव निवासी किसान रंजीत वर्मा ने जब केंद्र संचालक पंकज मिश्रा से दो बोरी यूरिया खाद मांगी तो उन्होंने खाद देने से इनकार कर दिया. जब पीड़ित किसान ने खतौनी धारक अपने रिश्ते के चाचा ओमप्रकाश से मोबाइल से बात करानी चाही जो उस समय खुद केंद्र पर यूरिया लेने नहीं पहुंच सके थे. किसान रंजीत की माने तो इसी बात से नाराज होकर खाद विक्रेता पंकज मिश्रा ने उन्हें जाति सूचक गलियां देते हुए उनसे मारपीट की और उन्हें बिना खाद दिए केंद्र से भगा दिया.
इस बीच खाद विक्रेता की करतूत वहां मौजूद किसी अन्य किसान ने अपने मोबाइल के कैमरे में रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया, जिसके बाद पीड़ित किसान रंजीत वर्मा की 'कुर्मी जाति' से जुड़े लोग आक्रोशित हो गए. मामला जब पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा तो एसपी बहराइच ने थाना रुपईडीहा में इस मामले की एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. वहीं केंद्र संचालक पंकज मिश्रा द्वारा कुर्मी समाज को दी गई गाली के वायरल वीडियो ने तूल पकड़ लिया है.
आक्रोशित किसानों और लोगों ने खाद विक्रेता पंकज मिश्रा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए सरदार पटेल सेवा समिति के बैनर तले कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया और पैदल मार्च किया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन में कार्रवाई न होने की दशा में आंदोलन की धमकी दी है.
वहीं, घटना के बाद से खाद विक्रेता पंकज मिश्रा ने खाद विक्रय केंद्र बंद कर दिया है. इस उपकेंद्र के मुख्य केंद्र बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति रायबोझा का आलम इससे भी बत्तर है, जब किसान वहां खाद लेने पहुंचते हैं तो वहां मौजूद चौकीदार दिन के उजाले में भी रजाई में लेटे हुए यूरिया उपलब्ध न होने की बात कहकर किसानों को वापस कर रहा है. (राम बरन चौधरी की रिपोर्ट)
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