
देश में मीट उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. खासतौर पर भेड़-बकरी, मुर्गे और भैंस के मीट की डिमांड बढ़ रही है. इंटरनेशनल मार्केट में जहां बकरे और भैंस के मीट की डिमांड बढ़ी है तो घरेलू बाजार में मुर्गे और भेड़ के मीट की डिमांड लगातार बढ़ रही है. फीफा वर्ल्ड कप के दौरान तो देश से एक खास नस्ल के बकरे का मीट एक्सपोर्ट हुआ था. एक्सपोर्ट के मामले में भैंस का मीट 12 लाख टन के आंकड़े को भी पार कर चुका है. लेकिन क्या आपको पता है कि घरेलू और एक्सपोर्ट में मीट की डिमांड पूरी करने के लिए हर साल कितने भेड़-बकरी और भैंस की स्लॉटरिंग की जाती है.
साल 2021-22 में देश में सभी तरह के पशुओं का कुल मीट उत्पादन 9.29 मिलियन टन हुआ है. इस साल सबसे ज्यादा मीट उत्पादन महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुआ है. इससे पहले यूपी मीट उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर था. केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तों देश के कुल मीट उत्पादन में पोल्ट्री (मुर्गे-मुर्गी) की सबसे ज्यातदा 51.44 फीसद है.
ये भी पढ़ें- ये है दुनिया का सबसे बड़ा अखरोट, इतने महीनों तक नहीं होगा खराब
मंत्रालय की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2021-22 में खूब मुर्गे-मुर्गी खाए गए हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट रिकी थापर का कहना है कि देश में हर साल छह से सात फीसद चिकन की खपत बढ़ रही है. मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि इस साल देश में 306 करोड़ ब्रॉयलर मुर्गे का चिकन खाया गया है. आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में 48 लाख टन चिकन खाया गया था. अकेले गाजीपुर, दिल्ली मंडी से रोजाना पांच लाख ब्रॉयलर मुर्गों की सप्लाई होती है.
केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पांच राज्यी ऐसे हैं जो भैंस के मीट का सबसे ज्या दा उत्पादन करते हैं. जिसमे उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. यहां साल 2021-22 में 6.20 लाख मीट्रिक टन भैंस के मीट का उत्पादन हुआ था.
दूसरे नंबर पर महाराष्ट्रा 2.37 लाख मीट्रिक टन, तीसरे पर तेलंगाना 1.49 लाख मीट्रिक टन, चौथे नंबर पर आंध्रा प्रदेश 1.46 लाख मीट्रिक टन और पांचवे नंबर पर 1.33 लाख मीट्रिक टन मीट के साथ बिहार है.
अगर इसमे से तेलंगाना को निकाल दें तो बाकी के चारों राज्यल में 94 फीसद से लेकर 100 फीसद तक एफएमडी का टीकाकरण हो चुका है. ऐसे में इन राज्यों को जल्द एफएमडी फ्री जोन घोषित किए जाने की उम्मीद है.
तेलंगाना में अभी सिर्फ 77 फीसद ही टीकाकरण हुआ है. गौरतलब रहे साल 2020-21 में भैंस के मीट का 15.81 लाख मीट्रिक टन और 2021-22 में 16.25 लाख मीट्रिक टन मीट का उत्पादन हुआ था.
ये भी पढ़ें- Bird Flue: मुर्गों की एंट्री पर इन दो राज्यों में चल रही तकरार, जानें क्या है पूरा मामला
राजेश कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि अभी हमारे देश में 23 से 24 हजार करोड़ रुपये के बफेलो मीट के एक्सपोर्ट का कारोबार है. लेकिन खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) के चलते अभी यूरोपियन यूनियन और विकसित देश हमारे ग्राहक नहीं हैं.
लेकिन जैसे ही हमे एफएमडी फ्री जोन का सर्टिफिकेट मिलने लगेगा तो यह देश भी हमारे यहां से मीट की खरीदारी शुरू कर देंगे. यूरोपियन यूनियन और विकसित देश भी मीट का एक बड़ा बाजार हैं. इसक अलावा डेयरी प्रोडक्ट का एक्सयपोर्ट भी हमारे यहां से 300 मिलियन का है, इसको भी एक बड़ी रफ्तार मिलेगी.
चिकन के लिए एक साल में काटे गए मुर्गे
2019-20 में
कुल मुर्गे- 282 करोड़
2020-21 में
कुल मुर्गे- 291 करोड़
2021-22 में
कुल मुर्गे- 306 करोड़
मीट के लिए एक साल में काटी गईं भैस
2019-20 में
कुल भैंस- 1.21 करोड़
2020-21 में
कुल भैंस- 1.28 करोड़
2021-22 में
कुल भैंस- 1.29
एक साल में मीट के लिए हलाल हुए बकरे
2019-20 में
कुल बकरे- 10.36 करोड़
2020-21 में
कुल बकरे- 10.65 करोड़
2021-22 में
कुल बकरे- 11.32 करोड़
मीट उत्पादन के लिए काटी गईं भेड़
2019-20 में
कुल भेड़- 5.65 करोड़
2020-21 में
कुल भेड़- 6.54 करोड़
2021-22 में
कुल भेड़- 6.95 करोड़
मीट के लिए कटने वाले कैटल की संख्या
2019-20 में
कुल कैटल- 30.17 लाख
2020-21 में
कुल कैटल- 28.68 लाख
2021-22 में
कुल कैटल- 27.37 लाख
मीट के लिए हर साल कटने वाले सूकर की संख्या
2019-20 में
कुल सूकर- 1.12 करोड़
2020-21 में
कुल सूकर- 92.71 लाख
2021-22 में
कुल सूकर- 88.82 लाख.
नोट- स्त्रोत-केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय
ये भी पढ़ें-
Milk Fact : कैसे बनता है पैकेट वाला दूध, क्या है इसका दाम बढ़ने से कनेक्शन
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today