Urea Crisis: इस जिले में कागज-टोकन और लाइन में लग-लगकर किसान परेशान, खाद की कालाबाजारी के लगाए आरोप

Urea Crisis: इस जिले में कागज-टोकन और लाइन में लग-लगकर किसान परेशान, खाद की कालाबाजारी के लगाए आरोप

Rajgarh Urea Crisis: राजगढ़ में यूरिया खाद को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ गई है. कागज, टोकन और बार-बार बदलते नियमों से किसान नाराज हैं. किसानों का आरोप है कि खाद ब्लैक में बेची जा रही है.

Advertisement
Urea Crisis: इस जिले में कागज-टोकन और लाइन में लग-लगकर किसान परेशान, खाद की कालाबाजारी के लगाए आरोपराजगढ़ में खाद की कालाबाजारी का आरोप

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में किसानों खेतों में खड़ी फसलों के लिए इस समय यूरिया की किल्‍लत से परेशान हैं. कई किसान तो करीब 15 दिनों से चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, इसके बाद भी उन्‍हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. वहीं, जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध है. जिला मुख्यालय राजगढ़ में खाद लेने आए किसान भागचंद्र मालवीय ने अपनी परेशानी सुनाते हुए बताया कि वह 15 दिन से खाद को लेकर परेशान है. तीन बार कागज दे चुके हैं, लेकिन आज खाद नहीं मिली. यहां पर बैठे अधिकारी का नया फरमान आता है, जब यहां पर आओं हर बार नए नियम बताए जाते है. रोजाना अगल अलग नियम परेशानी हो रही है. 

17 KM दूर से आया किसान खाद न मिलने पर भड़का

एक अन्‍य किसान ईश्वर सौंधिया ने कहा कि 11 दिसंबर को उन्होने अपना नंबर लगाया था और आज 19 दिसंबर को आए तो यहां पर बैठे अधिकारी कहने लगे कि फिर से नंबर लगाओ. 17 किलोमीटर दूर खाजला गांव से आ रहा हूं और चार बार आ चुका हूं, पहले कहा कि कागज लेकर आओ, नंबर लगाओ, हम बता देगें. लेकिन, अब कह रहे हैं कि  फिर से टोकन लेना होगा. 

इसी गांव के दूसरे किसान अर्जुन ने कहा कि वह 10-12 दिन से खाद को लेकर परेशान है. खाद वितरण करने वाले कागज लेकर लाईन में खड़ा कर देते है. यहां पर रोज नियम बदल रहे हैं, जबकि ब्लैक में खाद मिल रहा है. 

खाद की कालाबाजारी का आरोप

जिला मुख्यालय पर ही गांव दोबड़ि‍या कलां से खाद लेने आए गिरिराज ने भी कहा कि उन्‍हें खाद नहीं मिला. उनका कहना है कि ब्लैक में सौ-सौ रुपये एक्‍स्‍ट्रा लेकर लोगों को खाद दिया जा रहा है. लोगों को ब्लैक में खाद मिल जाती है. हम सुबह से शाम तक परेशान हो रहे हैं, लेकिन हमे खाद नहीं मिल रही है. नंबर के लिए कभी पट्टी मंगा लेते हैं, अब कह रहे हैं कि पांच कट्टे खाद के मिलेगें, लेकिन हमे ज्यादा चाहिए. 5 कट्टों को कहां पर लेकर जाएगें. 

किसान धनराज सिंह ने कहा कि किसान केंद्र पर सुबह आते हैं और शाम को खाली हाथ लौटा दिए जाते हैं. किसान ने आरोप लगाया कि सरकारी गोदाम से ही यह लोग 400 रुपए प्रति कट्टे में ब्लैक में बेच रहे हैं. बार-बार नियम बदलकर परेशान कर रहे है. अब लाइन में खड़े हैं.

खाद को लेकर अफसर ने कही ये बात

खाद की किल्‍लत को लेकर जिला विपणन अधिकारी गगन मौर्य ने बताया कि जिले में इस समय 3 हजार 600 मेट्रिक टन खाद का स्टॉक हैं. राजगढ़ गोदाम में 450 मेट्रिक टन खाद स्टॉक है. नियमों के बदलाव वाले प्रश्र पर जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि नियम किसानों के हित में शासन ही बनाता है. 

पहले व्यवस्था में जमीन की पट्टी या आधार कार्ड और अन्य कागज लेकर किसानों को खाद दी जा रही थी, लेकिन अब एसडीएम और जिला कलेक्टर महोदय आदेश पर टोकन वितरण के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है.

इसमें सुबह नौ बजे से दस बजे तक किसानों को टोकन बांटे जाते हैं, जिनको टोकन मिल जाते हैं. उनको खाद दी जा रही है. खाद का कोई संकट नहीं है और पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. मैं खुद शाम पांच बजे तक रुकता हूं, जितने किसान रहते हैं. सबको खाद मिल जाता है.

ये भी पढ़ें -

POST A COMMENT