आपने मिलेट्स यानी मोटे अनाज के बारे में तो खूब सुना होगा. खास कर इस साल यानी 2023 में मिलेट की चर्चा पूरे विश्व में की जा रही है. इतना ही नहीं बड़े-बड़े नेताओं को मिलेट परोसा जा रहा है. जो अनाज कभी गरीबों का भोजन कहा जाता था, वह आज लोगों की थाली की शोभा बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं ये अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. मिलेट यानी मोटे अनाजों में ग्लूटन की मात्रा बहुत कम पाई जाती है. इसलिए इसके सेवन से हमारे शरीर में शुगर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या दूर हो जाती है. हाल ही में हुए जी-20 बैठक में आए हमारे विदेशी मेहमानों को तरह-तरह के भारतीय खाद्य पदार्थ खिलाए गए.
अलग-अलग राज्यों के तमाम व्यंजनों के अलावा सबसे ज्यादा चर्चा का विषय 'ऋषि अन्न' रहा. यह स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ न केवल विदेशी मेहमानों के बीच बल्कि हमारे देश के कई लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया. आइए जानते हैं क्या है 'ऋषि अन्न' और यह सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है?
मोटे अनाजों की लिस्ट में शामिल 'कोदो' को ऋषि अनाज कहा गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कोदो को कम पानी और कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से उगाया जा सकता है. ये भी सच है कि कोदो अनाज अब बहुत कम मात्रा में उगाए जा रहे हैं. कोदो को ऋषि अनाज इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसे उगाने के लिए किसान को खेत की जुताई करने की आवश्यकता नहीं होती है. साथ ही इसके उत्पादन के लिए ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती है. यानी न तो इससे जानवरों को कष्ट होता है और न ही प्रकृति को कई नुकसान पहुंचता है. इन्हीं गुणों के कारण इसका नाम 'ऋषि अन्न' रखा गया है. कोदो में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो हमारे शरीर के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है.
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मिलेट्स की बात करें तो इसमें कई प्रकार के मोटे अनाज शामिल हैं. मोटे अनाजों में आमतौर पर ज्वार, बाजरा और रागी शामिल होते हैं. इसके अलावा कुटकी, कांगनी, कोदो और सावा आदि जिन्हें हम छोटे दाने कहते हैं, भी बाजरे में शामिल होते हैं. वहीं, अगर इनके गुणों की बात करें तो ये अनाज कैल्शियम, आयरन, फाइबर और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और पोषण का खजाना होते हैं.
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