मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को केवल फसल खरीद तक सीमित न रखते हुए अब प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार करना चाहिए. इससे एफपीओ से जुड़े किसानों को सीधे आर्थिक फायदा होगा और राज्य के औद्योगिकीकरण में भी योगदान मिलेगा. मुख्यमंत्री मंगलवार को राजधानी स्थित राज्य कृषि विस्तार और प्रशिक्षण संस्थान में एफपीओ फेडरेशन मध्यप्रदेश की ओर से आयोजित एफ.पी.ओ. डायरेक्टर समिट-2025 को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा दे रही है और इसका फायदा एफपीओ को मिल सकता है. सरकार की योजना है कि फूड प्रोसेसिंग का स्तर 5 फीसदी से बढ़ाकर 95 फीसदी तक ले जाया जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का अधिक मूल्य मिल सके. मुख्यमंत्री ने एफपीओ से अपील की कि वे बाजार की मांग को समझें और उसी के अनुसार अपने उत्पादन की रणनीति बनाएं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मालवा अंचल में आलू चिप्स निर्माण के लिए बड़ा उद्योग लगाया जा रहा है, जिसमें एफपीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा सरकार रोजगार आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है, जिसमें एफपीओ के माध्यम से स्थानीय युवाओं को भी काम मिलेगा. राज्य सरकार सभी प्रकार के उद्योगों को बिजली, पानी और जमीन देकर हर संभव मदद कर रही है. रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर सरकार की ओर से उद्योगों में लगे महिला कर्मचारी को उनके मासिक वेतन में 6000 रुपये और पुरुष कर्मचारी को 5000 रुपये सब्सिडी दी जाएगी, जो 10 वर्ष तक मिलती रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार भारतीय किसान संघ और मालवम फेडरेशन जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मोटा अनाज, जैसे कोदो-कुटकी की खरीदी की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही, डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 'डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना' शुरू की गई है.
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश के जैविक कपास की दुनिया भर में विशेष मांग है. चीन और वियतनाम जैसे देश अपनी कपास ‘मध्यप्रदेश कॉटन’ के नाम से बेच रहे हैं. राज्य सरकार इस प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है.
इस मौके पर भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.साईं रेड्डी ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनाना है. एफपीओ पांडवों की तरह मिलकर चलें, तो निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे. हम देश के 1 लाख गांवों तक जाने के लिए कोशिश में हैं. भारतीय किसान संघ गांव और किसानों की उन्नति के लिए काम कर रहा है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today