केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार को 11 साल से अधिक समय हो चुका है. वहीं, वर्तमान में संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. इस बीच, मंगलवार को राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने एक लिखित जवाब में किसानों के हित में एमएसपी और किसानों की आय बढ़ाने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से कुछ आंकड़े/तथ्य पेश किए. केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि देश के किसानों को लाभकारी मूल्य और आय सहायता देने के लिए भारत सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए 22 अधिसूचित कृषि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है.
MSP की यह दरें कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों और राज्यों की टिप्पणियों के आधार पर पूरे देश के लिए तय की जाती हैं, न कि किसी विशेष क्षेत्र या राज्य के लिए. सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2025-26 के लिए प्रमुख फसलों की नई MSP इस प्रकार है:
धान (सामान्य): 2369 रुपये/क्विंटल, ग्रेड 'A' किस्म के लिए 2389 रुपये/क्विंटल
ज्वार (हाइब्रिड): 3699 रुपये, मालदंडी किस्म: 3749 रुपये
बाजरा: 2775 रुपये, रागी: 4886 रुपये, मक्का: 2400 रुपये
अरहर: 8000 रुपये, मूंग: 8768 रुपये, उड़द: 7800 रुपये
कपास (मीडियम स्टेपल): 7710 रुपये, लॉन्ग स्टेपल: 8110 रुपये
सोयाबीन पीला: 5328 रुपये, मूंगफली: 7263 रुपये, सूरजमुखी बीज: 7721 रुपये
तिल: 9846 रुपये, रामतिल: 9537 रुपये
गेहूं: 2425 रुपये
जौ: 1980 रुपये
चना: 5650 रुपये
मसूर: 6700 रुपये
सरसों: 5950 रुपये
कुसुम: 5940 रुपये
वाणिज्यिक फसलों में जूट: 5650 रुपये, कोपरा (मिलिंग): 11,582 रुपये, कोपरा (बॉल): 12,100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.
मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने वर्ष 2018-19 से ही CACP की सिफारिश पर यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना MSP मिले. MSP तय करते समय उत्पादन लागत, मांग और आपूर्ति, अंतरराष्ट्रीय कीमतें, उपभोक्ताओं पर असर, आदि जैसे कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है.
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013-14 में कृषि बजट 21,933.50 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 1,27,290.16 करोड़ रुपये कर दिया गया है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें
इन तमाम पहलों का मकसद किसानों की आय को दोगुना करना, उन्हें तकनीक और वित्तीय संसाधनों से जोड़ना और जलवायु अनुकूल टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है. MSP में की गई बढ़ोतरी और विभिन्न योजनाएं किसानों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच का काम कर रही हैं.
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