गेहूं और चावल दो ऐसे अनाज हैं जिनका सेवन दुनियाभर में सबसे ज्यादा किया जाता है. वहीं भारत के कई राज्यों में चावल मुख्य भोजन है. इसके अलावा, भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है. यहां हर साल 100 मिलियन टन से ज्यादा चावल उगाया जाता है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक घोषणा की कि सरकारी स्कूलों के मिड-डे-मील सहित अन्य सभी सरकारी योजनाओं में साल 2024 तक फोर्टिफाइड राइस बांटे जाएंगे. सरकार द्वारा यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि महिलाओं और बच्चों में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से होने वाले कुपोषण को दूर किया जा सके. वहीं केंद्र चालू वित्त वर्ष के अंत तक देश के सभी जिलों में चावल फोर्टिफिकेशन (विटामिन के साथ) पूरा कर लेगा, जिसके बाद प्रोग्राम की लागत बढ़कर 2,680 करोड़ रुपये सालाना हो जाएगी.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, "हम देश के सभी चावल खपत वाले जिलों में फोर्टिफाइड चावल का 100 प्रतिशत वितरण हासिल करने की रास्ते पर हैं." भारतीय खाद्य निगम के पास मौजूद 250 लाख टन चावल के स्टॉक में से केवल 12 लाख टन फोर्टिफाइड चावल नहीं था.
फोर्टिफाइड चावल एक पोषकयुक्त चावल होता है. इसमें समान्य चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड चावल भी तैयार किए जाते हैं. वहीं फोर्टिफाइड चावलों को समान्य चावल में मिलाकर खाया जाता है. ये चावल देखने में बिल्कुल समान्य चावलों की तरह ही लगते हैं. इनका स्वाद भी अच्छा होता है.
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फोर्टिफाइड चावल में अलग से पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. चावलों का फोर्टिफिकेशन करने का तरीका यह है कि इन्हें तैयार करने के लिए चावल को पीसकर पाउडर बनाया जाता है. इसके बाद इस पाउडर में पोषक तत्वों वाला पाउडर मिलाया जाता है. फिर इस सम्मिश्रण आटे को चावल का आकार देकर सुखा लिया जाता है, ताकि ये सामान्य चावल जैसा ही दिखे. अब इन फोर्टिफाइड चावलों को सामान्य चावल के साथ मिला दिया है और बस फोर्टिफाइड चावल पकाने के लिए तैयार है. ये चावल पकने के बाद स्वाद और शेप में सामान्य चावल जैसे ही दिखते हैं इसलिए खाने वाले को इसका पता भी नहीं चलता.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 से 42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75 से 125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75 से 1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके अलावा FSSAI ने जिंक (10 से 15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी). विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की हैं. वहीं एक बार तैयार होने के बाद इसे 12 महीने तक खाया जा सकता है.
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महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए फोर्टिफाइड चावल की स्कीम शुरू की गई है. फोर्टिफाइड चावल में कई तरह के पोषक तत्व मिलाए जाते हैं जो पोषण देते हैं. लोगों को अलग से पोषक तत्व न लेने पड़े और सरकारी स्तर पर ही भोजन में इसे मिला दिया जाए, इसी मकसद के साथ सरकार ने फोर्टिफाइड चावल की स्कीम शुरू की है. सरकार अगले साल तक इस स्कीम को पूरी तरह से लागू कर देना चाहती है. इसमें सभी राज्य सरकारों का रोल देखा जा रहा है. इसमें राज्य और केंद्र सरकार मिल कर काम कर रहे हैं.
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