Ghee Facts: पहली बार कब और कैसे बना था घी, पढ़ें पूरी कहानी

Ghee Facts: पहली बार कब और कैसे बना था घी, पढ़ें पूरी कहानी

गाय के दूध से बना घी खाएं या भैंस के दूध से. घी खाएं भी या नहीं खाएं. घी मिलावटी तो नहीं...ऐसी कई बातें आप अक्सर सोचते होंगे, मगर क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर पहली बार कब और कैसे बना था ये घी...जानिए देसी घी बनने की पूरी कहानी-

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Ghee Facts: पहली बार कब और कैसे बना था घी, पढ़ें पूरी कहानीपहली बार कब और कैसे बना था घी, फोटो साभार: freepik

घी का धार्मिक महत्व भी है और सेहत के लिए भी इसे काफी अच्छा माना जाता है. बिना घी के कोई भी पूजा पाठ संपूर्ण नहीं हो सकता है तो खाने का स्वाद भी घी मिलाए बिना नहीं आता है. अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जाना जाने वाला घी आपको हर भारतीय रसोई में मिल जाएगा. कुछ लोग घर पर ही घी निकालते हैं. कुछ लोग बाजार से खरीदते हैं. कई बार त्योहारों के मौके पर घी में मिलावट की भी बात सामने आती है. कुछ लोग शुद्ध घी बेचने का दावा भी करते हैं. ये सब बातें एक तरफ हैं...दूसरी तरफ है एक ऐसा सवाल जिसका जवाब शायद ही आप जानते होंगे. सवाल ये है कि क्या आपको पता है कि पहली बार घी कब और कहां बना था. जानिए घी से जुड़ी ये दिलचस्प कहानी-

घी का इतिहास

घी का एक लंबा  और शानदार इतिहास है. घी को "तरल सोना" या "पवित्र वसा" के रूप में भी जाना जाता है, घी की उत्पत्ति प्राचीन भारत में (1500-500 ईसा पूर्व) तब हुई जब मवेशियों को पालना और मक्खन की खपत पहली बार शुरू हुई. भारत में गर्म जलवायु के कारण, मक्खन अक्सर खाने से पहले बासी और खराब हो जाता था. इसलिए लोगों ने मक्खन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उससे घी बनाना शुरू कर दिया. घी जल्दी खराब नहीं होता है. वहीं पारंपरिक भारतीय खाना पकाने, आयुर्वेदिक अनुष्ठानों और हिंदू धार्मिक समारोहों में हजारों वर्षों से घी का उपयोग किया जाता रहा है. 
 

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घी से जुड़ा है मुगल काल का भी इतिहास

माना जाता है कि जब मुगल काल में शाहजहां ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थापित किया था. तब उनके शाही हकीम ने कहा था कि दिल्ली का पानी खराब है. तब बादशाह ने हकीम से इस समस्या का विकल्प पूछा था तो हकीम ने कहा कि खूब मसालेदार भोजन का सेवन करना होगा. मगर उन्हें मसालेदार खाने का साइड इफेक्ट हुआ तो हकीम ने उन्हें घी का सेवन करने की सलाह दी थी. यही कारण है कि दिल्ली में खाना भले ही सरसों के तेल में बनता हो लेकिन उसपर ऊपर से घी जरूर डाला जाता है. इसलिए आज भी जामा मस्जिद और चावड़ी बाजार में खाने भले ही अलग हों लेकिन उनमें घी जरूर पड़ता है.

घी के फायदे

कुछ लोग बेशक वजन कम करने के चलते घी खाने को नुकसानदायक मानते हों, लेकिन घी के अपने फायदे भी हैं. अक्सर हष्ट-पुष्ट लोगों के लिए कहा जाता है घी-दूध खाता होगा...घी मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के लिए काफी जरूरी माना जाता है.  शरीर में होने वाली कमजोरी दूर करने के लिए भी ये किसी रामबाण से कम नहीं है. वहीं यह पाचन को ठीक करने में भी मददगार होता है. लोग खांसी और सर्दी होने पर भी घी का सेवन करते हैं.

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