गोवा में इन दिनों आलू-प्याज जमकर आयात किया जा रहा है.कम से कम राज्य के बागवानी आंकड़ें तो यही कहते हैं. इन आंकड़ों की मानें तो राज्य ने 2024-25 में जमकर आलू-प्याज आयात किया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में, गोवा में आयातित सब्जियों की सूची में प्याज और आलू सबसे ऊपर रहे हैं. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों से यह भी पता लगता है कि राज्य में इस समय कौन-कौन सी सब्जियों की खपत सबसे ज्यादा हो रही है.
गोवा राज्य बागवानी निगम लिमिटेड (GSHCL) की तरफ से जारी मॉनसून सत्र में विधानसभा को बताया गया है कि साल 2024-25 में 13,471.5 टन प्याज और 12,179 टन आलू दूसरे राज्यों से आयात किया गया. कृषि मंत्री रवि नाइक ने कर्टोरिम विधायक एलेक्सी लौरेंको द्वारा पेश किए गए एक एलएक्यू के जवाब में कहा, 'स्थानीय तौर पर खरीदी गई सब्जियों और GSHCL द्वारा आयातित सब्जियों की मात्रा के बीच का अंतर 20,639 मीट्रिक टन है.' सब्जियां मुख्य रूप से कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) से हासिल की जाती हैं. इसमें कर्नाटक और महाराष्ट्र प्राइमरी सप्लायर राज्य हैं. गोवा इन राज्यों से कुल 49 तरह की सब्जियों और साग का आयात करता है.
लहसुन (मध्यम और बड़े) जैसी कुछ वस्तुओं का 2024-25 में कोई आयात नहीं हुआ. जबकि करी पत्ता और पुदीना जैसी जड़ी-बूटियों का आयात मामूली रूप से हुआ. आयात पर भारी निर्भरता के बावजूद, कृषि मंत्री ने जोर देकर कहा कि गोवा में स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियों की खेती जारी है. वित्त वर्ष 2024-25 में, गोवा ने 1.1 लाख टन सब्जियों का उत्पादन किया, जिसकी कुल खेती योग्य भूमि 8,863 हेक्टेयर है. स्थानीय उपज में करेला, भिंडी, लौकी, बैंगन, मिर्च, ग्वारपाठा, धनिया और खीरा आदि शामिल हैं.
प्याज और आलू के बाद, अन्य प्रमुख आयातों में टमाटर (4,337 टन), पत्तागोभी (1,255.5 टन), सूखी मिर्च (1,153.5 टन), गाजर (771 टन), हरी मिर्च (661 टन) और फूलगोभी (607.8 टन) शामिल हैं. नाइक ने कहा, 'हाइब्रिड सब्जियों की खेती में सहायता के लिए, पोंडा के कोडर स्थित सरकारी फार्म में सब्जियों और फूलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इस केंद्र का उद्देश्य किसानों को मॉर्डन तकनीक, हाई क्वालिटी वाले पौधे और प्रशिक्षण देकर गोवा में कृषि उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाना है. यह फ्रिक्वेंट टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा, जिससे किसान अपनी उपज बढ़ा सकेंगे और संभावित रूप से सब्जियों का निर्यात कर सकेंगे.
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