भारत में सोयाबीन अब एक महत्वपूर्ण फसल बन गई है और देश के कई राज्यों में किसान इसकी खेती करते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के उत्पादन में भारत का स्थान चौथे नंबर पर है. आंकड़ों की मानें तो भारत में दुनिया की 8.86 फीसदी जमीन पर इसकी खेती की जाती है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ समय लाइफस्टाइल में आए बदलाव की वजह से सोयाबीन की खेती में इजाफा हो रहा है.
प्राइसविजन वेबसाइट के अनुसार सोयाबीन की खेती में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. सोयाबीन ने भारत में एक प्रमुख तिलहन फसल के रूप में प्रमुखता प्राप्त कर ली है. आज यह ऑयलसीड उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है. सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं. वहीं, राजस्थान और कर्नाटक जैसे बाकी राज्यों में भी इस फसल की खेती की जाती है. हालांकि पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का रकबा घटने की संभावना है क्योंकि कुछ इलाकों में मक्का और गन्ना इसकी जगह ले सकते हैं. लेकिन इसके बाद भी विशेषज्ञों ने ज्यादा चिंता करने की क्योंकि सोयाबीन हमेशा से किसानों के लिए अहम नकदी फसल रहेगी.
फिटनेस फ्रीक और डाइट पर ध्यान देने वाले लोग आज सोयाबीन का सेवन अलग-अलग तरीके से कर रहे हैं. सोयाबीन बड़ी जिसे नगेट्स के तौर पर भी जानते हैं और कुछ लोग सोयाबीन चंक्स भी कहते हैं, शाकाहारी लोगों के लिए एक फेवरिट नाम बन गया है. सोयाबीन चंक्स शाकाहारी प्रोटीन का अच्छा खासा स्रोत है. यह प्रोटीन, फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. ऐसे में यह शाकाहारियों और वीगन के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है.
सोयाबीन चंक्स को कई विभिन्न व्यंजनों जैसे करी, स्टर-फ्राई और स्नैक्स में इस्तेमाल किया जा सकता है. सोयाबीन चंक्स से आटा भी बनता है. कई लोग आज इस आटा का प्रयोग जमकर होता था. सोयाबीन का आटा एक बारीक पिसा हुआ पाउडर है. यह प्रोटीन, फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह आटा कई व्यंजनों के लिए एक पौष्टिक विकल्प बनता है. सोयाबीन आटे का प्रयोग कई तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है. इसका प्रयोग बेक्ड प्रॉडक्ट्स, स्नैक्स और पारंपरिक भारतीय व्यंजन जैसे रोटी और पराठे. सोयाबीन चंक्स और सोयाबीन आटा दोनों उन लोगों के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं जो अपने आहार में अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन और पोषक तत्वों को शामिल करना चाहते हैं.
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