बुधवार को केशुब महिंद्रा के निधन से सिर्फ उद्योग जगत ही नहीं कृषि क्षेत्र भी गमगीन है. खेती-किसानी की दुनिया में ट्रैक्टर क्रांति की शुरुआत करने वाले महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. यह बात सभी जानते हैं कि कृषि कार्यों को आसानी से और समय पर पूरा करने के लिए किसान कई कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. इनमें ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. जब भी ट्रैक्टर्स की बात आती है तो महिंद्रा ट्रैक्टर का नाम सबसे पहले आता है. महिंद्रा कंपनी किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ट्रैक्टर बनाती रही है. यही वजह है कि साल 2019 में महिंद्रा कंपनी ने सबसे ज्यादा ट्रैक्टर बेचने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था.
वर्ष 2009 में महिंद्रा दुनिया का सबसे अधिक बिकने वाला कृषि ट्रैक्टर ब्रांड बन गया. कंपनी ने कहा कि वर्ष 2013 में कंपनी ने 20 लाख यूनिट के उत्पादन के स्तर को पार कर लिया था. निर्यात सहित, वर्ष 2018-19 में, अगले छह लाख इकाइयां केवल छह वर्षों में बनाई गईं. इस सपने को पूरा करने में जो शख्स शामिल थे वो थे महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा. जानिए कैसे की थी उन्होंने शुरुआत और शून्य से शिखर तक का उनका पूरा सफर-
केशब महिंद्रा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद ही अपने पिता की कंपनी से करियर की शुरुआत की. महिंद्रा, जो पहले केवल जीपों को असेंबल करता था, केशब महिंद्रा के कार्यकाल के दौरान 19 बिलियन डॉलर का राजस्व पैदा करने वाला समूह बन गया. उनके कार्यकाल में ही Mahindra ने अपनी गाड़ी बनाना शुरू किया. यह उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी. देखते-देखते महिंद्रा ट्रैक्टर और अन्य गाड़ियां भी बनाना शुरू कर दिया. देखते-देखते महिंद्रा कंपनी का डंका चारों ओर बजने लगा.
बिजनेस जगत में केशब महिंद्रा के योगदान के लिए साल 1987 में फ्रांस की सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सुशोभित किया था. इसके अलावा केशब महिंद्रा को साल 2007 में अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst and Young) की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया. केशब महिंद्रा को केंद्र सरकार की ओर से कई कमेटियों में सेवा करने का मौका भी दिया गया था. केशब महिंद्रा 2004 से लेकर 2010 तक पीएम ट्रेड और इंडस्ट्री काउंसिल का हिस्सा भी रह चुके थे.
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महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन केशब महिंद्रा का 12 अप्रैल 2023 को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह भारत के सबसे उम्रदराज अरबपतियों में से एक थे. उन्हें हाल ही में अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया था. फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में उन्हें देश के 16 नए अरबपतियों में शामिल किया गया था. केशब महिंद्रा का जन्म 9 अक्टूबर 1923 को शिमला में हुआ था. केशब महिंद्रा ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अपने पिता की कंपनी से की.
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