नीमच में 52 करोड़ की लागत से बनने वाले डैम का काम आदिवासियों ने रोक दिया है. यह घटना बुधवार की है जिसमें डैम के विरोध में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी और आसपास के गांवों के लोग एक साथ इकट्ठा हो गए. बाद में इन लोगों ने जबरन डैम का काम बंद करा दिया. इस घटना के बाद रतनगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. इस घटना में ग्रामीणों से विवाद के कारण सिंचाई विभाग के अफसरों ने निर्माण का काम बंद कर दिया और रतनगढ़ थाने में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई. इस घटना से पूरे इलाके में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई.
मामला कुछ यूं है कि जल संसाधन विभाग ने बाणदा गांव के पास बांध का निर्माण दो महीने पहले ठेकेदार के माध्यम से शुरू कराया है. ग्रामीणों और आदिवासियों का कहना है कि इस बांध के निर्माण से बाणदा और आसपास के गांव डूब में आ जाएंगे. इससे ग्रामीणों को घर और जमीन छीने जाने का डर है. इस कारण गांव के लोग शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं.
एक महीने पहले सिंगोली में आदिवासी समाज ने महासभा आयोजित कर प्रशासन से बांध निर्माण बंद करने की मांग की थी. लेकिन उनकी इस मांग पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. अब नए घटनाक्रम में आदिवासियों ने बाणदा डैम का काम बंद करा दिया जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराने तक की नौबत आ गई.
ये भी पढ़ें: खेत में पानी लगाने के लिए 50 साल में कैसे-कैसे तरीके अपनाए, पढ़िए यहां
नीमच जल संसाधन विभाग की ओर से सिंगोली और रतनगढ़ के बीच एक डैम का काम चल रहा है. मंगलवार को इस बांध को लेकर इलाके के रहवासी आदिवासियों का हुजूम बाणदा डैम पर पहुंच गया. यहां अधिकारियों से काफी हुज्जत करने के बाद डैम निर्माण का काम बंद करवा दिया गया. विरोध में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी जुटे थे.
स्थानीय निवासी बहुत पहले भी इस डैम का विरोध कर रहे थे. मंगलवार को यहां के लोगों ने सुपरवाइजर से भी बदतमीजी करते हुए उसकी गर्दन पर तलवार रख दी थी. इतना ही नहीं, जल संसाधन विभाग के SDO की गाड़ी के कांच भी फोड़ दिए गए थे. ग्रामीणों का मानना है कि जब बाणदा डैम में पानी स्टोरेज किया जाएगा तो उसके आसपास की जमीन भी डूब जाएगी. ऐसे में जो खेत इन लोगों के हैं वह भी डूब जाएंगे. आदिवासियों का कहना है कि ऐसे हालात बने तो वे अपनी आजीविका के लिए अनाज कहां से बोएंगे?
ये भी पढ़ें: खेतों में सिंचाई करने के ये 4 तरीके अपनाएं किसान, पानी और पैसे की होगी बचत
बाणदा बांध मामले में थाना प्रभारी शिव कुमार यादव ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ़ आवेदन दिया गया है. मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों के मार्गदर्शन में आगामी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल काम रुकने के बाद विवाद शांत है और माहौल भी सामान्य है.(आकाश चौहान की रिपोर्ट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today