बेंगलुरु से लखनऊ आया Mango Harvester, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, जानें कीमत और फायदे

बेंगलुरु से लखनऊ आया Mango Harvester, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, जानें कीमत और फायदे

Mango Farming: सिंह बताते हैं कि इस मैंगो हार्वेस्टर की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है. बहुत से किसानों ने इसे मंगाने का आर्डर भेजा है. उन्होंने बताया कि ज्यादा की संख्या में मैंगो हार्वेस्टर की डिमांड आने के बाद दाम में कमी आ सकती है. उपेंद्र सिंह ने दावा करते हुए बताया कि वर्तमान में 50 लाख से अधिक किसान मौजूद है.

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बेंगलुरु से लखनऊ आया Mango Harvester, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, जानें कीमत और फायदेमैंगो हार्वेस्टर की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है (Photo-Kisan Tak)

आम को फलों का राजा कहा जाता है और देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न किस्म के आम की पैदावार होती है. इसी बीच आम की बागवानी करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में बेंगलुरु से 'Mango Harvester' को खासतौर पर मंगवाया गया है. अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने बताया कि बेंगलुरु से पहली बार आम तोड़ने के लिए हार्वेस्टर को सैंपल के तौर पर लिया गया है. इसका वजन बहुत कम है, इससे पहले गुजरात से जो मैंगो हार्वेस्टर आया था, वो सफल नहीं था. उन्होंने बताया कि लखनऊ में आम की बागवानी करने वाले लोग इससे बहुत पसंद कर रहे हैं. इसकी कीमत के सवाल पर उपेंद्र सिंह ने बताया कि मैंगो हार्वेस्टर 474 रुपये का है, वहीं इस हार्वेस्टर के ब्लेड काफी मजबूत लगे हुए हैं. जो आम की तोड़ाई के दौरान जल्दी टूटने वाले नहीं है.

50 लाख से अधिक किसान मौजूद

सिंह बताते हैं कि इस मैंगो हार्वेस्टर की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है. बहुत से किसानों ने इसे मंगाने का आर्डर भेजा है. उन्होंने बताया कि ज्यादा की संख्या में मैंगो हार्वेस्टर की डिमांड आने के बाद दाम में कमी आ सकती है. उपेंद्र सिंह ने दावा करते हुए बताया कि वर्तमान में 50 लाख से अधिक किसान मौजूद है, जो इस खास तकनीक के सहारे आम की तोड़ाई आसानी से कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि  सीजन का पहला आम अप्रैल में आने की संभावना है जबकि मई और जून में बंपर पैदावर मार्केट में आ जाएगी.

इस साल आम की होगी बंपर पैदावार

अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव संघ उपेंद्र सिंह ने बताया कि आम एक संवेदनशील फल है और अच्छी फसल के लिए अनुकूल मौसम जरूरी है. मंजर के लिए सर्दी का मौसम अनुकूल होता है. दिन और रात के तापमान में 10 डिग्री का अंतर है जबकि अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस है और दिन के वक्त धूप निकल रही है जो कि आम के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का मौसम 15-20 दिन रह गया तो इस बार बंपर पैदावार होगी. आम के फल लगने शुरू हो जाएंगे.

ट्रेनों में लगेगा अलग से आम का वैगन

आम के सीजन में भारी मात्रा में आम फल बैंगलोर, मुंबई और हैदराबाद को ट्रेन से भेजा जाता है, लेकिन आम फल को भेजने के लिए अलग से व्यवस्था न होने के कारण आम उत्पादकों को पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता है, जिससे आम के उत्पादकों को समस्या होती है. आम के विपणन और व्यापार का यह कार्य हर साल जून, जुलाई और अगस्त के तीन माह तक होता है.

कमिश्नर ने डीआरएम से अनुरोध किया कि तीन माह जून, जुलाई और अगस्त के लिए लखनऊ से इन स्थानों को जाने वाली ट्रेनों में आम फल को भेजने के लिए एक अलग रेफ्रिजरेटेड वैगन उपलब्ध करायें. इसमें स्थान/वैगन की बुकिंग आम उत्पादक सहकारी समितियों की तरफ से करा ली जाएगी.

मलिहाबादी दशहरी आम को मिला GI Tag

बता दें कि उत्तर प्रदेश और देश में करीब 70 फीसदी लोग आज भी दशहरी आम का ही स्वाद पसंद करते हैं. मलिहाबाद क्षेत्र को दशहरी का ज्योग्रफिकल इंडिकेटर (जीआई) भी प्राप्त है. यहां का दशहरी आम अपनी मिठास के लिए जाना जाता है. आम उत्पादन का यह क्षेत्र मलिहाबाद, माल, का‌कोरी और बख्शी का तालाब विकास खण्डों में स्थित है.

दशहरी आम का स्वाद आज भी बरकरार

आम का यह उत्पादन क्षेत्र उन्नाव, सीतापुर तक फैला है. दरअसल, बाजार में जब भी वो आम खरीदने जाते हैं तो उनकी पहली पसंद दशहरी ही होता है. हालांकि अब नई वैरायटी के आम एक-एक करके दशहरी को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. लेकिन दशहरी का अपना स्वाद आज भी बरकरार है.

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